Monthly Archives: February, 2022
भारतीय शिक्षा प्रणाली में भारतीय ज्ञान परम्परा क्यों आवश्यक है
अर्थात भारत की दो मात्र प्रतिष्ठा पहली संस्कृत और दूसरी संस्कृति है जो कि एक दूसरे के पूरक ही हैं –“संस्कृतिः संस्कृताश्रिता”अर्थात यह जो संस्कृति है यह संस्कृत आश्रित ही है।
डॉ. श्याम अग्रवाल विश्व हिंदू परिषद् के केंद्रीय कोषाध्यक्ष बनाए गए
डॉ. अग्रवाल ने बताया कि विश्व हिंदू परिषद् आज दुनिया के 40 से भी अधिक देशों में हिंदू समाज के लिए कार्य कर रहा है। विहिप ने देश -विदेश में अनेक सेवा प्रकल्प चलाए जा रहे हैं।इनके माध्यम से गौशाला, बालकाश्रम, महिलाश्रम,
कैसे विभाजन के समय पं. जसराज मुसलमान बनने से बच गए
दूसरे दिन प्रात आठ बजे आर्य समाज मंदिर में बिश्नोई समाज के प्रमुख लोग चाननराम के प्रयास से इकठ्ठा हुए। जसराज जी के एक पंडित ने पाहल बनाया व हरीरामजी ने पाहल के ऊपर हाथ रखकर अमृत बनाया
“रोमांचक साहसिक पर्यटन” पुस्तक पर राष्ट्रीय वर्चुअल संवाद कार्यक्रम
पूर्व प्राचार्य डॉ.संध्या चतुर्वेदी ने कहा कि जोश और ऊर्जा से भरे युवा आज अपने पर्यटन कार्यक्रम में एडवेंचर को विशेष तौर पर पसंद करने लगे हैं। जब भी हम समुंद्री बीच पर जाते हैं तो वॉटर स्पोर्ट्स के प्रति सैलानियों का क्रेज देखते ही बनता हैं।
माखनलालजी ने सभी भूमिकाओं में राष्ट्रीय चेतना का किया जागरण : श्री अच्युतानंद मिश्र
विषय प्रवर्तन करते हुए एडजंक्ट प्रोफेसर शिवकुमार विवेक ने कहा कि माखनलालजी को जानना भारत को जानने जैसा है। एक माखनलालजी के भीतर तीन व्यक्तित्व थे और तीनों का प्रखर स्वर राष्ट्रीय था। साहित्य के साथ ही पत्रकारिता उनके राष्ट्रीय भाव की वाहनी थी।