Monthly Archives: March, 2022
तब्लीगी जमात के एजेंडे से अनजान देश, इसका उद्देश्य है मुसलमानों को पक्का मुसलमान बनाना
जमात का मॉडल आरंभिक इस्लाम है। प्रो. बारबरा मेटकाफ के अनुसार, जमात का मॉडल आरंभिक इस्लाम है। उसके प्रमुख की ‘अमीर’ उपाधि भी इसका संकेत है, जो सैनिक-राजनीतिक कमांडर होता था। उसकी टोलियों की यात्रा कोई शिक्षक-दल नहीं,
मायावती तो इतिहास बन कर रह गई
शकील अख्तर - 0
मायावती दलित राजनीति का एक काला अध्याय साबित हो रही हैं। वापस पुराने गौरवशाली दिनों की तरफ जाने की उनमें न अब कोई इच्छाशक्ति बची है और न ही कोई कोशिश दिखती है। राष्ट्रपति नहीं बनूंगी कहकर भी उन्होंने यही बताया है कि ऐसा कोई प्रस्ताव भी उनके पास नहीं आया है।
चैत्र शुक्ल प्रतिपदा – अपना हिंदू नववर्ष
हिंदू नववर्ष व अंग्रेजी नववर्ष मनाने की पद्धति में बड़ा ही अंतर है। इस दिन जहां हिंदू घरों में नवरात्रि के प्रारम्भ के अवसर पर कलश स्थापाना की जाती है घरों में पताका ध्वज आदि लगाये जाते हैं तथा पूरा नववर्ष सफलतापूर्वक बीते इसके लिए अपने इष्ट,
जहाँ विराजमान है माँ शारदा, वो कश्मीर हमारा है
अभिजीत सिंह - 0
हिन्दू धर्म का मंडन करने निकले शंकराचार्य जब शारदापीठ पहुँचे थे तो वहां उन्हें माँ ने दर्शन दिया था और हिन्दू जाति को बचाने का आशीर्वाद भी। उन्हीं माँ शारदा की कृपा से कश्मीर के शासक जैनुल-आबेदीन का मन बदल गया था जब वो उनके दर्शनों के लिये वहां गया था और उसने कश्मीर में अपने बाप सिकंदर द्वारा किये हर पाप का प्रायश्चित किया।
दौसा में डॉ. अर्चना शर्मा को आत्महत्या के लिए मजबूर करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग
डॉ. जायसवाल ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार जब भी किसी अस्पताल में किसी मरीज की संदिग्ध मौत होती है तो उच्च अधिकारियों द्वारा विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम गठित करके जांच की जाती है,
राजस्थान दिवस पर सुरीले गीतों और लोक नृत्यों से सजी सांझ
कार्यक्रम की श्रंखला में बारां के छबड़ा से आए शिवनारायण कंजर के दल ने चकरी नृत्य की मनमोहक प्रस्तुति दी तो अलवर से आए छोटेलाल के दल ने रिंग भवाई तथा कुणाल गंधर्व ने अग्नि भवाई की प्रस्तुति देकर राजस्थान के कलाकारों की प्रतिभा को साकार किया।
आयुष मंत्रालय ने प्रधानमंत्री योग पुरस्कार 2022 के लिये नामांकन आमंत्रित किये
योग मानवता को शारीरिक और मानसिक आरोग्य का संदेश देता है। कोविड-19 महामारी के दौरान यह संदेश अत्यंत सार्थक साबित हुआ है। पूरी दुनिया के लोगों ने स्वस्थ रहने और ऊर्जा का संचार करने के लिये योग को अपनाया है।
जीवन में कर्म की प्रधानता
'कर्मकाण्ड' के अर्थों में भी बहुत कुछ विकार हुआ है। श्री शंकर स्वामी के समय में कर्मकाण्ड का केवल यही अर्थ लिया जाता था कि यज्ञों के विषय में प्रचलित कुछ क्रियाएं करना, जैसे पात्र साफ करना, वेदी बनाना,
राजस्थान में कैला देवी मंदिर में पशुबलि की कुप्रथा कैसे रुकी
स्वामी जी के दामाद श्री सुरेशचंद्र जी एवं अन्य आर्यों ने भवन के लिए धन आदि की व्यवस्था की जिससे वेद मंदिर का निर्माण हुआ। 26 जनवरी 1961 को स्वामी आनन्दभिक्षु जी की सम्मति से यह निर्णय लिया गया कि हमें 3 प्रकार से यह कार्य करना चाहिये।
भारतबोध का नया समय’ का लोकार्पण 31 मार्च को
इंदिरा गांधी कला केंद्र के डीन एवं विभागाध्यक्ष *प्रो. रमेश चंद्र गौड़* ने बताया कि प्रो. संजय द्विवेदी की पुस्तक 'भारतबोध का नया समय' नए भारत से हमारा परिचय कराती है।