Monthly Archives: May, 2022
शेखर कपूर ने मुंबई में भारतीय सिनेमा और सॉफ्ट पावर पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन किया
श्री सुभाष घई, श्रीमती रूपा गांगुली, श्री भरत बाला, श्री अंबरीश मिश्रा, सुश्री अरुणाराजे पाटिल, श्री अशोक राणे, सुश्री मीनाक्षी शेडे, श्री मनोज मुंतशिर, श्री परेश रावल और जी. पी. विजय कुमार जैसे प्रख्यात हस्तियां
रिटायर नहीं हुआ हूं……
जिस प्रकार मै साहित्य सृजन में लगा हूं ऐसे ही रिटायर लोग सक्षरता विकास,वृक्षारोपण, पर्यावरण, वन्य जीव संरक्षण, रक्त दान, अंग दान, धार्मिक कार्य आदि से अपनी - अपनी रुचि के अनुसार किसी न किसी सेवा प्रकल्प से जुड़ कर जीवन को सार्थक कर रहे हैं।
तन – मन के विकार दूर करती है तपस्या
डॉ पुष्पेंद्र मुनि ने कहा कि भौतिकतावादी व सांसारिक सुखों का समाज के लिए त्याग करना ही जैन धर्म की सबसे बड़ी विशेषता है।उन्होंने बताया कि तीर्थंकर भ ऋषभदेव का कठोर 13 महीने की सुदीर्घ तपचर्या के बाद वैशाख शुक्ल तृतीया को हस्तिनापुर में श्रेयांस कुमार के करकमलों से उनका पारणा इक्षुरस से संपन्न हुआ था,
‘आईआईएमसी फिल्म फेस्टिवल’ का आगाज 4 मई से
अभिनेता-निर्माता आशीष शर्मा और अर्चना टी. शर्मा अपनी फिल्म 'खेजरी' के साथ आयोजन में शिरकत करेंगे। सुप्रसिद्ध वन्यजीव फिल्म निर्माता एस. नल्लामुथु की फिल्म 'मछली' भी महोत्सव में दिखाई जाएगी।
जिन्नाह और भारतीय नेता
जिन्होंने 1947 में अपना सब कुछ धर्म रक्षा के लिए लुटा दिया। यह अपमान हमारे पूर्वजों का है। जिन्होंने अपने पूर्वजों की धरती को त्याग दिया मगर अपना धर्म नहीं छोड़ा। चाहे उसके लिए उन्होंने अपना घर, परिवार, खेत-खलिहान सब कुछ त्यागना पड़ा।
भारतीय राजनीति में हिंदुत्व की आवाज बुलंद करने वाले बलराज मधोक
बलराज मधोक बहुत अच्छे लेखक थे। मधोक ने हिंदी व अंग्रेजी में बहुत साहित्य रचा है। समाचार पत्रो के संपादक भी रहे। मधोक ने भारतीय जनसंघ के संस्थापक श्यामा मुखर्जी की जीवनी भी लिखी है।
मुहम्मद कुली खान बन चुके नेतोजी पालकर का छत्रपति शिवाजी महाराज द्वारा शुद्धिकरण
राजेश आर्य - 0
१८ अगस्त १६६६ के दिन जब शिवाजी महाराज अपने बुद्धि-चातुर्य और साहस से आगरा में औरंगज़ेब की कैद से मुक्त होकर भाग निकले, तब नेतोजी पालकर मुगल मनसबदार होने से शिवाजी महाराज को कैद से भगाने में उनकी भी कुछ न कुछ भूमिका रही होगी,
भारत में श्रम के साथ उद्यमिता का भाव जगाना भी जरूरी
युवाओं में कौशल विकसित करने हेतु सबंधित कम्पनियों को आगे आना चाहिए एवं इस सम्बंध में केवल सरकारी योजनाओं पर निर्भर रहने से यह कार्य सम्भव नहीं होगा। इन केंद्रों पर स्थानीय एवं स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देने के सम्बंध में नागरिकों में जागरूकता उत्पन्न करने सम्बंधी प्रयास भी किए जाएंगे।
हरिसिंह नलवाः जिन्होंने कश्मीर के मुस्लिम शासकों में दहशत पैदा कर दी थी
एक बार मिचनी के खान के कुछ पठानों ने एक हिन्दू बरात को लूट लिया। दुलहिन की सुन्दरता से प्रभावित होकर खान ने उसे अपने घर में रख लिया और बरातियों को कैद कर लिया। जब नलवा को यह खबर लगी तो केवल 100 सिपाही लेकर वह खान पर चढ़ दौड़ा,
छत्तीसगढ़ की जीवनशैली का अहम हिस्सा है ‘बासी’
इससे पता चल जाता है कि व्यक्ति सुबह 8 बजे के बाद घर से निकलेगा। वहीं दोपहर के वक्त बासी खाने के समय की बात हो तो मान लिया जाता है कि लगभग 1 बजे का समय है। ‘बासी खाय के बेरा’, से पता चल जाता है कि यह लंच का समय है। छत्तीसगढ़ में बासी को मुख्य आहार माना गया है।