Friday, March 29, 2024
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Monthly Archives: July, 2022

धूर्त इतिहासकारों ने मुगलों का गुणगान कर हमें झूठा इतिहास पढ़ाया

जब 1660 ईस्वी के आसपास देश में भीषण अकाल पड़ा, उस वक्त महाराणा प्रताप के पोते और महाराणा अमर सिंह के बेटे महाराणा राज सिंह ने राजसमंद झील का निर्माण कराया था। इस तरह की प्राकृतिक आपदा से बचने के लिए तैयारी की गई और अकाल के दौरान लोगों

कैसे मुस्लिम तुर्की ने सिर्फ दो वर्षों में एक सम्पूर्ण प्राचीन ईसाई सभ्यता को नष्ट कर दिया

अर्मेनियाई महिलाओं का भी अपहरण किया गया और उन्हें सेक्स स्लेव के रूप में प्रयोग किया गया। विश्व युद्ध के दौरान, मुस्लिम नगर दमिश्क के बाजारों में बहुत सारी अर्मेनियाई महिलाओं को बेचा गया - नग्न - पशुओं की तरह।

14 साल की बेटी ने माँ को नीलकंठ धाम दर्शन कराने के लिए 80 किमी दूर साइकिल चलाई

कांवड़ यात्रा के बीच रविवार को धाम में जलाभिषेक करने के बाद वापस लौट रही खुशी और उसकी मां सुषमा देवी साइकिल पर दिखाई दिए। संवाद न्यूज एजेंसी की टीम ने जब साइकिल रोककर उन्हें पूछा तो रुड़की निवासी सुषमा देवी ने बताया कि उनकी इच्छा थी

प्रूफ-रीडिंग जो अब उपेक्षा की शिकार है

तकनीक के विकास के साथ प्रूफ-रीडिंग की कला में भी बदलाव देखने को मिला है। पहले प्रिण्ट निकालकर हाथ से संशोधन किया जाता था। अब तो नये ज़माने के प्रूफरीडर सीधे कंप्यूटर में प्रूफ-रीडिंग कर लेते हैं।

आर्यसमाज और महात्मा गांधी

एक बात शेष रह गई है। महात्मा गांधी शुद्धि की आज्ञा दे सकते हैं पर कैसे? आर्य धर्म की चार कसौटियां हैं- सबसे मुख्य वेद, फिर स्मृति, फिर सदाचार। ये तीनों महात्मा गांधी की अदालत में प्रमाणिक नहीं। चौथी और सबसे छोटी कसौटी है

प्रतिक्रियाओं से पर्यटन में इस्लामिक आर्कीटेक्चर पुस्तक का व्यापक स्वागत

नवाबी रियासत वक़्फ़ कमेटी टोंक के पूर्व चेयरमैन साहिबज़ादा मोहम्मद आहमद भय्यू ने कहा कि इस पुस्तक का ऐतिहासिक इस्लामिक विरासत का महत्व तो है ही, लेकिन नवाब और बादशाह शासन की स्मृति के स्मारकों को भी पुस्तक में समायोजित किया गया है

स्वर्गीय डॉ. दयाकृष्ण विजय की पुण्य स्मृति मे 75 साहित्यकारों,लेखकों,कवियों का सम्मान

इस कार्यक्रम की मुख्य अतिथी महामण्डलेश्वर हेमा सरस्वती मौजी बाबा पावन धाम , अध्यक्षता अजय सिंह अधिशाषी अभियंता एवं सम्पदा अधिकारी कृषि विश्वविधालय कोटा , विशिष्ठ अतिथि वरिष्ठ अधिवक्ता हेमंत कृष्ण विजय रहे ।

मारवाडी सोसायटी,भुवनेश्वर के सर्वसम्मति से पुनः अध्यक्ष बने युवा समाजसेवी संजय लाठ

गौरतलब है कि नये अध्यक्ष संजय लाठ को पैतृक विरासत में जनसेवा,लोकसेवा,समाजसेवा और देशसेवा की विरासत मिली है। भुवनेश्वर,253-ए,फारेस्टपार्क में स्थाई रुप से रहनेवाले संजय लाठ बी.काम. आनर्स, एलडीसीपीए, एलएलबी. तथा एमबीए जैसी डिग्री प्राप्त है।

आलोचक माधव हाड़ा को प्रो शुकदेव सिंह सम्मान

इससे पहले विषय की प्रस्तावना रखते हुए प्रो आशीष त्रिपाठी ने कहा कि पिछले तीन दशकों से भक्ति काव्य को अपने अपने सामाजिक-राजनीतिक एजेंडे के रूप में पढ़ने और उसे व्याख्यायित करने की परंपरा विकसित हुई है।

एमसीयू ने प्रारंभ किया देश का प्रथम पब्लिक रिलेशंस एंड एडवरटायजिंग रिसर्च जर्नल

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. के.जी.सुरेश ने बताया कि मास कम्युनिकेशन एवं मीडिया पर अनेक शोध पत्रिकायें प्रकाशित हो रही हैं परन्तु विज्ञापन एवं जनसम्पर्क पर शोध पत्रिका का अभाव था। इसी कमी को पूरा करने के लिए एमसीयू द्वारा देश का पहला पीअर
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