Monthly Archives: November, 2022
एक राष्ट्र एक राशन कार्ड की उपादेयता
भारत गणतंत्र में 6 करोड़ लोग /श्रमिक मौसमी रूप से रोजगार के लिए अन्य,निकटवर्ती राज्यों में प्रवास करते है,और 8 करोड़ लोग अपने ही राज्य में प्रवास करते है।
क्यों किया जाता है किसी मंत्र का 108 बार जाप
माला में 108 दाने होते हैं, जब भी किसी मंत्र का जाप किया जाता है तो वो 108 बार ही किया जाता है। क्या आप जानते हैं माला में 108 दाने क्यों होते हैं और क्यों किया जाता है किसी मंत्र का 108 बार जाप किया जाता है आइए जानते हैं इसके बारे में
हाड़ोती में शिवपुरा का शिव मंदिर
मंदिर के गर्भगृह में दो शिवलिंगों की पूजा की जाती है, जिससे यह मंदिर विलक्षण बन गया है। यहीं पर एक ऊंची जगती पर शिव-पार्वती की युगल प्रतिमा प्रतिष्ठित है, गर्भगृह के कोने में काले रंग की नन्दी की प्राचीन प्रतिमा है।
राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निपटारा आयोग में भी हिंदी ने जगह बनाई
'राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निपटारा आयोग' उपभोक्ताओं के शोषण के निवारण और उसकी सुनवाई की देश की सर्वोच्च न्यायिक संस्था है।
ताजमहल को पीछे छोड़कर महाबलीपुरम कैसे विदेशियों के आकर्षण का केंद्र बना
स्विट्जरलैंड के एंड्रियास स्टाइगर ने इस साल के जुलाई तक मामल्लापुरम (महाबलीपुरम) के बारे में नहीं सुना था। उन्हें इसके बारे में पता सबसे पहले इंडियन: डेर सुडेन (इंडिया: द साउथ) पढ़ने पर चला। एक पर्यटक के रूप में उनकी भारत की यात्रा का मतलब था, ताजमहल देखना।
कई देशों की मुद्राओं की तुलना में मजबूत हो रहा भारतीय रुपया
अमेरिका के केंद्रीय बैंक अर्थात यूएस फेड ने हाल ही में ब्याज दरों में बहुत बढ़ौतरी की है इससे अमेरिका में निवेश करने के लिए अमेरिकी डॉलर की आवश्यकता एवं मांग पूरे विश्व में बढ़ रही है।
मुगलों के इस क्रूर इतिहास से हम अनजान क्यों हैं?
गंगा-जमनी एकता की लाँचिंग कब और किसने किस तरह की थी, इसकी तलाश में मैं इतिहास में गया। ज्यादा दूर नहीं जाना था।
राजस्थान का जलियाँवाला बाग़ ‘मानगढ़’, जिसके बारे में हम नहीं जानते
1500 बलिदानी भीलों को बिसरा दिया गया, 2013 में CM रहे मोदी ने दिलाया सम्मान
असरदार पटेलः सोचो सरदार पटे ना होते तो क्या होते
आज जिस भारत में हम सांस ले रहे हैं वह सरदार पटेल के कारण हैं. एक कश्मीर ही हमारे लिए मुसीबत बना हुआ है. यदि इस तरह के कुछ और कश्मीर (हैदराबाद/ जूनागढ़) होते तो हमारी हालत क्या होती?
क्या हम इस धरा को रहने लायक रख पाएंगे
पेड़-पौधों के सहारे हम भी प्रदूषण से जंग लड़ सकते हैं। नीम, पीपल, बरगद, जामुन और गूलर जैसे पौधे हमारे आसपास जितनी ज्यादा संख्या में होंगे, हम जहरीली हवा के प्रकोप से उतने ही सुरक्षित रहेंगे।