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जेईई एंट्रेंस परीक्षा में ज्यादातर केन्द्रो पर 55 फीसदी छात्र अनुपस्थित रहे

जेईई एंट्रेंस परीक्षा के पहले दिन ही कोरोना वायरस का असर दिखा। ज्यादातर परीक्षा केन्द्रो पर 55 फीसदी छात्र कोरोना वायरस के डर के कारण अनुपस्थित रहें।

बीते मंगलवार को देशभर में आयोजित जेईई एंट्रेंस परीक्षा पर कोरोना की मार पड़ने से कई छात्रों का भविष्य खतरे मे आ गया है। एनएसयूआई शुरू से ही वर्तमान माहौल में किसी भी प्रकार की परीक्षाओं के आयोजन के खिलाफ है लेकिन उसके बावजूद केन्द्र सरकार द्वारा जबरन छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ दुखद है।

एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री नीरज कुंदन जी का कहना है कि देशभर में कोरोना वायरस की रफ्तार लगातार बढ़ रही है ऐसे में छात्रों को जबरन परीक्षा के मुंह में धकेलना का नतीजा आज देश के सामने है ज्यादातर परीक्षा केन्द्रो से 55 फीसदी छात्रों की अनुपस्थिति दिखाती है की ज्यादातर छात्र वर्तमान समय मे परीक्षाओं के खिलाफ थे।

हमारा भाजपा सरकार से अनुरोध है कि जिन छात्रों की परीक्षा छूटी है उनके लिए दोबारा परीक्षा देने की कोई योजना बनाई जाएँ ताकि परीक्षा न देने वाले छात्रों का भविष्य न बर्बाद हो और वे भी परीक्षा दे सकें।

एनएसयूआई चाहती है कि किसी भी छात्र का कोरोना वायरस के कारण साल बर्बाद न हो। जिनकी भी जेईई एंट्रेंस परीक्षा छूटी है उन सभी छात्रों को एक मौका और दिया जाएँ।

लोकेश चुग
राष्ट्रिय सचिव
मीडिया इंचार्ज एनएसयूआई