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देश विदेश से आए 6 हजार 980 अस्थि कलश दिल्ली से हरिद्वार के लिए रवाना

नई दिल्ली। श्री देवात्थान सेवा समिति के तत्वावधान में शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी से ऐतिहासिक 17वीं अस्थि कलश विसर्जन यात्रा शहीदी पार्क आईटीओ से हरिद्वार के लिए रवाना हुई। इन अस्थि कलशों को 29 सितंबर को हरिद्वार में कनखल के सतीघाट में विसर्जित किया जायेगा।समिति के अध्यक्ष अनिल नरेन्द्र ने बताया इस वर्ष देश के कई राज्यों हरियाणा, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, जम्मू- कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली एवं एनसीआर से छह हजार 980 अस्थि कलशों को विसर्जित करने के लिए एकत्रित किया गया। केन्द्रीय मंत्री हर्षवर्धन, दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल, भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा के कोषाध्यक्ष ने अस्थि कलशों को श्रद्धासुमन अर्पित किये।समिति के महामंत्री एवं यात्रा संयोजक विजय शर्मा ने बताया पांच झाकियां, बैंडबाजों और करीब 400 श्रद्धालुओं के जत्थे के साथ अस्थि कलश यात्रा हरिद्वार के लिए रवाना हुई। सर्वश्री सुमन गुप्ता, राम किशन गुप्ता और दीपक अग्रवाल सहित कई अन्य लोगों ने इसमें विशेष सहयोग दिया।

देश-विदेश के श्मशान घाटों पर हिन्दुओं की लावारिस अस्थियों को एकत्र करके उत्तराखंड में गंगा में विसर्जित करने के पुण्य कार्य में लगी देवोत्थान सेवा समिति ने इस वर्ष करीब साढ़े सात हजार शवों की अस्थियां इकट्ठा की हैं।समिति ने इस वर्ष यात्रा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘स्वच्छ भारत-स्वस्थ भारत’ अभियान को सार्थक करते हुए मंगलवार को इन अस्थियों की सफाई कर राख अलग करने का काम पूरा किया। इस वर्ष समिति ने दिल्ली के अलावा हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, गुजरात, महाराष्ट्र और हरियाणा से अब तक 7350 अस्थियों को एकत्रित किया है। यात्रा के महामंत्री और संयोजक विजय शर्मा ने बताया कि उम्मीद है कि न्यूयार्क से भी एक अस्थि कलश बुधवार तक मिल जायेगा।

समिति की 17 वीं यात्रा 28 सितंबर को शुरू होगी और 29 को हरिद्वार के कनखल में पूरे मंत्रोच्चार के साथ अस्थियों को गंगा में प्रवाह किया जायेगा। समिति पिछले 16 साल के भीतर देश-विदेश के श्मशान घाटों से एकत्र की गयी एक लाख 21 हजार 513 अस्थियों का विसर्जन कर चुकी है। वर्ष 2011 और 2016 में पाकिस्तान से क्रमश: 135 और 160 शवों की अस्थियों को लाकर गंगा में विसर्जित किया गया था।