विश्व बैंक ने जी-20 शिखर सम्मेलन से ठीक पहले मोदी सरकार द्वारा डिजिटल पेमेंट की दिशा में उठाए गए कदमों की जमकर तारीफ की है। वर्ल्ड बैंक ने भारत की प्रशंसा करते हुए अपने जी-20 दस्तावेज में कहा कि डिजिटल पेमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर के जरिए भारत ने वित्तीय समावेशन के लक्ष्य को 6 साल में हासिल कर लिया है, जिसे करने में 47 साल लग जाते। यानी मोदी सरकार ने 47 साल के काम को मात्र 6 साल में ही कर दिखाया है। इससे तक़रीबन 41 साल की बचत हुई है।
वर्ल्ड बैंक की इस खबर को प्रधानमंत्री मोदी ने भी अपने सोशल मीडिया एक्स के अकाउंट पर शेयर किया है, जिसमें विश्व बैंक द्वारा भारत सरकार की तारीफ की गई है। PM मोदी के अकाउंट पर किे गए पोस्ट में लिखा है, “डिजिटल पब्लिक इंन्फ्रास्ट्रक्चर द्वारा संचालित वित्तीय समावेशन यानी फिनांशियल इनक्लूशन में भारत की छलांग! विश्व बैंक द्वारा तैयार किए गए एक G-20 दस्तावेज में भारत के विकास पर एक बहुत ही दिलचस्प बिंदु साझा किया गया है। भारत ने केवल 6 वर्षों में वित्तीय समावेशन के लक्ष्य को हासिल कर लिया है, अन्यथा इसमें कम से कम 47 वर्ष लग जाते। हमारे मजबूत डिजिटल भुगतान बुनियादी ढाँचे और हमारे लोगों की भावना को बधाई। यह समान रूप से तीव्र प्रगति और नवप्रवर्तन का प्रमाण है।”
दरअसल, जी-20 शिखर सम्मेलन के आयोजन की खुशी से सराबोर भारत की प्रशंसा में वर्ल्ड बैंक ने कहा कि भारत ने जन धन बैंक खाते, आधार और मोबाइल फोन (JAM ट्रिनिटी) के उपयोग से वित्तीय समावेशन की दर 80% तक प्राप्त करने में केवल 6 साल का समय लिया है, जिसके लिए इस तरह के डिजिटल पेमेंट इन्फ्रास्ट्रक्चर (DPI) के बिना 47 साल लग सकते थे। वर्ल्ड बैंक ने जी-20 के लिए पॉलिसी डॉक्युमेंट तैयार किया है जिसमें उसने भारत में जारी आर्थिक गतिविधियों की खूब तारीफ की है, खासकर डिजिटल इंडिया की।