अंदाज़-ए-बयां कुछ और …

विक्टर ह्यूगो ने कहा कि उस विचार को रोक पाना नामुमकिन है, जिसका वक्त आ गया हो। 
उनका यह विचार स्वयं अनोखा है। विचारों का संसार भी अनूठा है। कब,कहाँ,किस सन्दर्भ में कौन-सी बात किस तरह सूझ जायेगी और उसे कैसे अभिव्यक्ति का अवसर मिल जाएगा, कहा नहीं जा सकता। पर,विचारों की ताकत से इंकार नहीं किया जा सकता। जो कुछ कहा गया है,उसमें जो भी अनकहा रह गया है उसे ढूढ़ निकालने की महारथ अगर हासिल हो जाए तो समझिए बात कुछ और ही होगी। बहरहाल, इस विचारों को आपसे साझा करने से रोक पाना संभव नहीं। इसलिए कि लगता है इनका वक्त आ गया है। तो आप भी इनका लुत्फ़ उठाते हुए.इन्हें गुनिये और हो सके तो 
इनमें कहने वाले ने जो अनकहा छोड़ दिया है उन्हें भी बूझने की कोशिश कीजिए। साथ ही उनके अंदाज़ेबयां पर भी गौर फरमाइए। 
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अपराधी 

दुनिया के बाकी लोगों जैसा ही मनुष्य, सिवाय इसके कि वह पकड़ा गया है।

कंजूस 

वह व्यक्ति जो जिंदगी भर गरीबी में रहता है ताकि अमीरी में मर सके।

अवसरवादी  

वह व्यक्ति, जो गलती से नदी में गिर पड़े तो नहाना शुरू कर दे।

अनुभव 

भूतकाल में की गई गलतियों का दूसरा नाम।

कूटनीतिज्ञ
 
वह व्यक्ति जो किसी स्त्री का जन्मदिन तो याद रखे पर उसकी उम्र कभी नहीं।

दूसरी शादी  

अनुभव पर आशा की विजय।

मनोवैज्ञानिक  

वह व्यक्ति, जो किसी खूबसूरत लड़की के सामने होने पर भी 
उस लड़की के सिवाय बाकी सबको गौर से देखता है।

नयी साड़ी 

जिसे पहनकर स्त्री को उतना ही नशा हो जितना पुरुष को 
शराब की एक पूरी बोतल पीकर होता है।

आशावादी 

वह शख्स है जो सिगरेट मांगने पहले अपनी दियासलाई जला ले।

राजनेता 

ऐसा आदमी जो धनवान से धन और गरीबों से वोट
 इस वादे पर बटोरता है कि वह एक की दूसरे से रक्षा करेगा।

आमदनी 

जिसमें रहा न जा सके और जिसके बगैर भी रहा न जा सके।

सभ्य व्यवहार 

मुंह बन्द करके जम्हाई लेना ।

ज्ञानी 

वह शख्स जिसे प्रभावी ढंग से, सीधी बात को उलझाना आता है।

मनोचिकित्सक 

जो भारी फीस लेकर आपसे ऐसे सवाल पूछता है, 
जैसे आपकी पत्नी आपसे यूं ही पूछती रहती है। 

समिति 

वह व्यक्ति जो अकेले कुछ नहीं कर सकते, 
लेकिन यह निर्णय मिलकर करते है की साथ-साथ कुछ नहीं किया जा सकता। 

ईमानदार नेता 

वह जिसे एक बार ख़रीद लिया जाए तो फिर जाए तो फिर वह ख़रीदा हुआ ही रहे