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छत्तीसगढ़ के प्राचीन इतिहास पर तीन दिवसीय शोध संगोष्ठी 16 मार्च से

राज्य शासन के संस्कृति और पुरातत्व संचालनालय द्वारा ‘छत्तीसगढ़ के प्राचीन इतिहास’ विषयक तीन दिवसीय संगोष्ठी 16 मार्च से 18 मार्च तक आयोजित की जा रही है। यह संगोष्ठी महंत घासीदास संग्रहालय सिविल लाईन रायपुर में आयोजित होगी। संगोष्ठी में शामिल होने वाले व्यक्तियों से छत्तीसगढ़ के प्राचीन सांस्कृतिक इतिहास संबंधी शोध पत्र की संक्षेपिका 10 मार्च 2018 तक प्रेषित करने का अनुरोध किया गया है।

संस्कृति विभाग के अधिकारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ नाम से अभिज्ञात प्राचीन दक्षिण कोसल और दण्डकारण्य क्षेत्र में ऐतिहासिक पुरातात्विक एवं सांस्कृतिक स्त्रोत सामग्री बहुतायत में उपलब्ध है, जो समेकित रूप से राज्य के सांस्कृतिक इतिहास को उजागर करने में समर्थ है। 16 मार्च से आयोजित होने वाली संगोष्ठी में सम्मिलित होने वाले व्यक्तियों से अनुरोध किया गया है कि वे छत्तीसगढ़ के प्राचीन सांस्कृतिक इतिहास विषयक शोध पत्रिका की संक्षेपिका अधिकतम 200 शब्दों में [email protected] (सीजीनेशनलसेमीनारएटदरेटजीमेल डॉट कॉम) ई मेल पर प्रेषित कर दें जिससे समय-सीमा में इसका प्रकाशन किया जा सके। संगोष्ठी में शोध पत्र के वाचन के पश्चात पूरे आलेख की सॉफ्ट ऑर हार्डकॉपी प्रस्तुत करना होगा, जिससे इसका उपयोग विभागीय प्रकाशन में शामिल किया जा सके। इस संबंध में और अधिक जानकारी के लिए संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग के तकनीकी सहायक सुश्री दीप्ति गोस्वामी के मोबाइन नंबर 9630468567 पर और पर्यवेक्षक श्री प्रभात कुमार सिंह के मोबाइल नंबर 7999087063 से संपर्क किया जा सकता है।