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एक सत्य, जो रहस्य से भी ज्यादा रोमांचक व तिलस्मी है

23 मार्च 1994 को पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने बताया कि रोनाल्ड ओपस की मृत्यु सिर में एक गोली लगने से हुई।

ओपस आत्महत्या करने के इरादे से एक दस मंजिला इमारत के ऊपर से कूद गए थे। उन्होंने अपनी हताशा का संकेत देते हुए एक नोट छोड़ा।

जब वह नीचे गिर रहे थे तो नौंवी मन्ज़िल से चली एक गोली उनके सिर में पैवस्त हो गयी जिसने उनकी जान ले ली।

न तो शूटर और न ही मृतक को पता था कि उस इमारत में श्रमिकों की सुरक्षा के लिए आठवीं मंजिल के स्तर के ठीक नीचे एक सुरक्षा जाल स्थापित किया गया था और रोनाल्ड ओपस ने जिस तरह से आत्महत्या की योजना बनाई थी, अगर गोली न लगती, तो वे सफल नहीं होते।

डॉक्टर मिल्स का कहना था, “आमतौर पर, एक व्यक्ति, जो आत्महत्या करने के लिए बाहर निकलता है और अंततः सफल होता है, भले ही तरीक़ा वह नहीं जो उसका इरादा था, अभी भी आत्महत्या के रूप में ही परिभाषित किया जायेगा।”

जबकि मेडिकल एक्ज़ामिनर का मानना था कि सुरक्षा नेट की वजह से आत्महत्या सफल नहीं होती और वे जीवित होते, इसलिये यह हत्या है।

नौवीं मंजिल के उस कमरे में, जहाँ बन्दूक से गोली चली थी, एक बुज़ुर्ग व्यक्ति और उनकी पत्नी रह रहे थे। दोनों में भीषण झगड़ा हो रहा था और पति ने पत्नी पर बंदूक तान रखी थी।
वह आदमी इतना परेशान और तनाव में था कि जब उसने ट्रिगर दबाया तो निशाना पत्नी पर से चूक गया और गोली मिस्टर ओपस से टकराते हुए खिड़की से गुज़र गई।

जब कोई व्यक्ति सब्जेक्ट “ए” को मारने का इरादा रखता है, लेकिन प्रयास में सब्जेक्ट “बी” को मार देता है, तो व्यक्ति सब्जेक्ट “बी” की हत्या का दोषी है।

जब हत्या के आरोप का सामना किया गया तो वृद्ध व्यक्ति और उसकी पत्नी दोनों अड़े थे कि बंदूक कभी लोडेड रहती ही नहीं है।

बूढ़े आदमी ने कहा कि उसकी पत्नी को अनलोडेड शॉटगन से धमकाने की यह लंबे समय से चली आ रही आदत थी। उसकी हत्या का उसका कभी कोई इरादा नहीं था।
जाँच की दिशा उस गवाह ने पूरी तरह बदल दी, जिसने देखा था कि मिस्टर ओपस वाली दुर्घटना के लगभग 6 सप्ताह पहले उस दम्पति का बेटा उस गन को लोड कर रहा था।
उसने यह आरोप लगाया कि बूढ़ी औरत ने अपने बेटे की आर्थिक सहायता में कटौती कर दी थी और चूंकि बेटे को पता था कि पिता अक्सर शॉटगन से माँ को धमकाते हैं, तो उसने बंदूक को इस उम्मीद के साथ लोड किया कि उसके पिता उसकी मां को गोली मार देंगे।

चूंकि बंदूक लोड करने वाले की प्लानिंग थी यह, इसलिये वह हत्या का दोषी था, भले ही उसने वास्तव में ट्रिगर नहीं दबाया था।इसलिये असल दोषी दम्पति का बेटा है।

दिल थाम कर बैठिये, सबसे बड़ा ट्विस्ट अभी बाक़ी था………

आगे की जांच में पता चला कि बूढ़े दम्पति के वह बेटा वास्तव में रोनाल्ड ओपस ही था!

वह अपनी माँ की हत्या के प्रयास की असफलता से बहुत निराश हो गया था। इसके कारण उसने बंदूक लोड करने के करीब छह सप्ताह बाद 23 मार्च को दस मंजिला इमारत से छलांग लगा दी जिसमें नौवीं मन्ज़िल की खिड़की से गुज़रते हुए एक बन्दूक के धमाके से उसकी मौत हो गई।

मतलब बेटे ने वास्तव में खुद की हत्या कर दी थी, इसलिए मेडिकल परीक्षक ने मामले को आत्महत्या मानकर बंद कर दिया।

(एसोसिएटेड प्रेस की एक सच्ची कहानी, कर्ट वेस्टरवेल की रिपोर्ट)