आर्थिक विकास के दृष्टि से वित्तीय वर्ष 2023-24 भारत के लिए महत्वपूर्ण साबित हुआ

हाल ही में वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था में हुए विकास से सम्बंधित आंकड़े जारी किये गए है। इसके अनुसार वित्तीय वर्ष 2023-24 में भारत के सकल घरेलू उत्पाद में 8.2 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है जबकि वित्तीय वर्ष 2022-23 में भारत की आर्थिक विकास दर 7 प्रतिशत की रही थी। भारतीय रिजर्व बैंक एवं वैश्विक स्तर पर कार्यरत विभिन्न वित्तीय संस्थानों ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में भारत की आर्थिक विकास दर का अनुमान लगाते हुए कहा था कि यह 7 प्रतिशत के आसपास रहेगी। परंतु, वित्तीय 2023-24 के दौरान भारत की आर्थिक विकास दर इन अनुमानों से कहीं अधिक रही है। वित्तीय वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही में भी भारत की आर्थिक विकास दर 7.8 प्रतिशत रही है जो पिछले वित्तीय वर्ष की चौथी तिमाही में 6.1 प्रतिशत रही थी। पूरे विश्व में प्रथम 10 सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं की आर्थिक विकास दर भारत की आर्थिक विकास दर के कहीं आसपास भी नहीं रही है।

अमेरिका की आर्थिक विकास दर 2.3 प्रतिशत, चीन की आर्थिक विकास दर 5.2 प्रतिशत, जर्मनी की आर्थिक विकास दर तो ऋणात्मक 0.3 प्रतिशत रही है। जापान की आर्थिक विकास दर 1.92 प्रतिशत, ब्रिटेन की 0.1 प्रतिशत, फ्रान्स की 0.9 प्रतिशत, ब्राजील की 2.91 प्रतिशत, इटली की 0.9 प्रतिशत एवं कनाडा की 1 प्रतिशत रही है, वहीं भारत की आर्थिक विकास दर 8.2 प्रतिशत रही है। 8 प्रतिशत से अधिक की विकास दर को देखते हुए अब तो ऐसी सम्भावना व्यक्त की जा रही है कि वर्ष 2027 तक जर्मनी एवं जापान की अर्थव्यवस्थाओं को पीछे छोड़ते हुए भारत विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था निश्चित ही बन जाएगा।

विनिर्माण, खनन, भवन निर्माण एवं सेवा क्षेत्र, यह चार क्षेत्र ऐसे हैं जो भारत के सकल घरेलू उत्पाद को तेजी से आगे बढ़ाने में अपना विशेष योगदान देते हुए नजर आ रहे हैं। यह स्पष्ट रूप से केंद्र सरकार की आर्थिक नीतियों के चलते ही सम्भव हो पा रहा है।

वास्तविक सकल मान अभिवृद्धि के आधार पर, वित्तीय वर्ष 2023-24 की चतुर्थ तिमाही में विनिर्माण के क्षेत्र में 8.9 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई है जबकि वित्तीय वर्ष 2022-23 की इसी अवधि में केवल 0.9 प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल की जा सकी थी। इसी प्रकार, खनन के क्षेत्र में भी इस वर्ष की चतुर्थ तिमाही में वृद्धि दर 4.3 प्रतिशत की रही है जो पिछले वर्ष इसी अवधि में 2.9 प्रतिशत की रही थी। भवन निर्माण के क्षेत्र में 8.7 प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल की गई है जो पिछले वर्ष इसी अवधि में 7.4 प्रतिशत की रही थी। नागरिक प्रशासन, सुरक्षा एवं अन्य सेवाओं के क्षेत्र में वृद्धि दर 4.7 प्रतिशत से बढ़कर 7.8 प्रतिशत हो गई है। ऊर्जा उत्पादन क्षेत्र में वृद्धि दर पिछले वर्ष की चौथी तिमाही में 7.3 प्रतिशत से बढ़कर इस वर्ष चौथी तिमाही में 7.7 प्रतिशत पर पहुंच गई है। परंतु, कृषि, सेवा एवं वित्तीय क्षेत्र में वित्तीय वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही में वृद्धि दर पिछले वर्ष की इसी तिमाही की तुलना में कुछ कम रही है।

वैश्विक स्तर पर अन्य देशों के सकल घरेलू उत्पाद में लगातार कम हो रही वृद्धि दर के बावजूद भारत के सकल घरेलू