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अरुण दिवाकर बाजपेयी : एक उपकुलपति जिसके सीने में धड़कता है एक कवि

लन्दन। लन्दन के भारतीय उच्च आयोग में कल्चरल अटैचे सुश्री नंदिता साहू सोनी के सानिध्य में एक अद्भुत काव्यात्मक माहौल बनगया । अवसर था अटल बिहारी बाजपेयी विश्वविद्यालय बिलासपुर के उपकुलपति प्रो अरुण दिवाकर बाजपेयी के लन्दन आने का, नंदिता जीने उनके सम्मान में एक गोष्ठी रख दी जिसमें कथा यूके की संरक्षक कथाकार ज़किया ज़ुबेरी , पुरवाई के संपादक और जाने माने कथाकारतेजेंद्र शर्मा , मुंबई के कवि और फ्रीलांस मीडिया जर्नलिस्ट कंबाइन के अध्यक्ष प्रदीप गुप्ता , कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय की डा अरुणाअजीतसारिया भी उपस्थित थे , यह आयोजन कवि गोष्ठी में बदल गया।

प्रो बाजपेयी प्रशासनिक दायित्व सम्भालने के साथ ही मंजे हुए कवि भी हैं , गीतकार बलबीर सिंह के प्रिय शिष्यों में से रह चुके हैं और नीरज जी के साथ मंच साझा कर चुके हैं।उनकी आवाज़ में भी नीरज जी जैसे अल्हड़पन और वीर रस के कवि ब्रजेंद्र अवस्थी का ओज है। हाल ही में उनका छन्द काव्य रानी दुर्गावती प्रकाशित हुआ है उसके कुछ ओजस्वी छन्द सुना कर प्रो बाजपेयी ने मंत्रमुग्ध कर दिया।