लोन देकर ब्लैकमेल करने वाले गिरोहों का पर्दाफाश किया बीबीसी की पूनम अग्रवाल ने

खोजी पत्रकार पूनम अग्रवाल ने अपनी टीम के साथ मिलकर ऐसे लोन ऐप्स स्कैम की गहराई में उतरकर ऐसे लोगों की कारगुजारियों का कच्चा-चिट्ठा खोला है, जो इस पूरे ‘खेल’ में लिप्त हैं।

यदि आपको पैसे की सख्त जरूरत है और आप किसी इंस्टैंट लोन ऐप्स के द्वारा अपनी जरूरत पूरी करना चाह रहे हैं तो सावधान हो जाएं और एक बार ‘बीबीसी’ के इस अंडरकवर ऑपरेशन को जरूर देख लें, ताकि आप भी ऐसे लोन ऐप्स के लुभावने वादों में फंसने से बच सकें, जिनके चक्कर में अब तक कई लोग अपनी जान गंवा चुके हैं और तमाम परिवार उजड़ चुके हैं।

दरअसल, इंवेस्टिगेटिव रिपोर्टर पूनम अग्रवाल द्वारा किए गए इस अंडरकवर ऑपरेशन में बताया गया है कि किस तरह से इंस्टैंट लोन ऐप्स बिना किसी ज्यादा कागजी कार्यवाही के जल्दी से पैसा देने का वादा करते हैं। ऐसे में तमाम जरूरतमंद लोग इनसे उधार ले लेते हैं। लेकिन, बहुत जल्द ही उन्हें समझ में आ जाता है कि वो ब्लैकमेल, गाली-गलौज और प्रताड़ना के जाल में फंस चुके हैं। पिछले तीन सालों में ऐसे ही इंस्टैंट लोन एप्स के जाल में फंसकर 60 से ज्यादा भारतीयों ने अपनी जान दी और इसकी वजह थी इन लोन ऐप्स की वजह से मिलने वाली धमकी, डर या शर्म।

ये पूरा फर्जीवाड़ा किस तरीके से काम करता है? क्या भारतीय ग्राहकों के उत्पीड़न के पीछे चीन के निवेशकों का हाथ है? और भारतीयों के दुखों से कौन मुनाफा बना रहा है? बीबीसी के इस अंडरकवर ऑपरेशन में पूनम अग्रवाल ने अपनी टीम के साथ मिलकर तेजी से पैर पसार रहे लोन ऐप्स स्कैम की गहराई में उतरकर ऐसे लोगों का पर्दाफाश किया है, जो लोगों को डराकर, धमकाकर अथवा शर्मिंदगी महसूस करवाकर खुद तो अपना पैसा बना रहे हैं, जबकि उनके जाल में फंसकर तमाम परिवार उजड़ चुके हैं।

इसके माध्यम से पूनम अग्रवाल ने दिखाया है कि इंस्टैंट लोन ऐप्स आसानी से पैसा देने की पेशकश करते हैं, लेकिन इनमें से कई ऐप्स लोगों के फोन से फोटो और कॉन्टैक्ट लिस्ट जैसे पर्सनल डेटा एकत्र करते हैं और फिर उस जानकारी का उपयोग जबरन वसूली के लिए करते हैं।

इस ऑपरेशन के दौरान पूनम अग्रवाल ने नोएडा के ऐसे ही एक कॉल सेंटर के चौंकाने वाले दृश्यों को कैमरे में रिकॉर्ड किया है, जहां ऋण वसूली एजेंट अश्लील भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं और लोगों को भुगतान करने के लिए बोल रहे हैं और ऐसा न करने पर डराने के लिए धमकियां दे रहे हैं।

इस अंडरकवर ऑपरेशन के जरिये मुंबई की एक वकील भूमि सिन्हा और उनकी मां की कहानी को बताया गया है, जिन्हें ऐसे ही एक लोन ऐप द्वारा आत्महत्या के कगार पर धकेल दिया गया था। दरअसल, फोटोशॉप से उनके अश्लील फोटोग्राफ तैयार कर उन्हें मां-बेटी के फोन में मौजूद हर कॉन्टैक्ट नंबर पर भेज दिया गया था। इस बारे में नोएडा स्थित एक कॉल सेंटर के एक प्रबंधक का कहना है, ‘प्रत्येक व्यक्ति के मोबाइल के अंदर कम से कम एक नंबर होता है जो उनके जीवन को पूरी तरह से नष्ट कर सकता है।’

इस अंडरकवर ऑपरेशन को पूरा करने में एक साल से ज्यादा का समय लगा है। इसके निर्माण और निर्देशन में पूनम अग्रवाल समेत रोनी सेन, नूपुर सोनार और अंकुर जैन जैसे भारतीय खोजी पत्रकारों और फिल्ममेकर्स ने अहम भूमिका निभाई है। इन लोगों ने ह्यूमन स्टोरीज और विजुअल के माध्यम से ‘द ट्रैप’ यानी बड़े पैमाने पर अपने पंख फैला रहे जानलेवा स्कैम का पर्दाफाश किया है, जो देश भर में तमाम लोगों के लिए दुख का कारण बना हुआ है।

इस पूरे अंडरकवर ऑपरेशन को आप यहां देख सकते हैं।
https://www.youtube.com/watch?v=g376l_XVbCk