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भारत का पुरातन गौरव जीवंत हुआ भागवत परिवार के अतुल्य भारत में

मुंबई का भागवत परिवार मुंबई की कला, संस्कृति और अध्यात्म की ऐसी त्रिवेणी है जिसके माध्यम से मुंबई के रसिक दर्शक अध्यात्मिक, धार्मिक और सांस्कृतिक रस वर्षा से सारोबर होते रहते हैं। भागवत परिवार से मुंबई के संपन्न उद्योगपति, व्यापारी और कारोबारी जुड़े हैं जो अपने सामाजिक दायित्वों को निभाते हुए समाज को अपनी पुरातन संस्कृति, मूल्यों और पारिवारिक जीवन शैली से जोड़े रखते हैं।

इसी कड़ी में भागवत परिवार द्वारा अतुल्य भारत कार्यक्रम का आयोजन अपने आप में एक यादगार कार्यक्रम था। कांदिवली के ठाकुर इंजीनियरिंग कॉलेज के भव्य सभागृह में भारतीय नववर्ष के आगमन के उपलक्ष्य में विक्रम संवत् 2071 के स्वागत में आयोजित इस कार्यक्रम में भारतीय परंपराओं और संस्कृति को एक नृत्य नाटिका के माध्यम से प्रस्तुत किया गया था।

जानी मानी नृत्यांगना और फिल्म बाजीराव मस्तानी में अपने नृत्य कौशल से धाक जमा चुकी ललिता सोनी ने अपने 40 सहयोगियों के साथ अतुल्य भारत की थीम पर एक के बाद एक नृत्य प्रस्तुत कर दर्शकों की वाहवाही लूटी। नृत्य नाटिका में महाभारत से लेकर आधुनिक काल में स्वामी विवेकानंद के प्रेरक विचारों को बहुत ही संप्रेषणीय रुप में प्रस्तुत किया गया था।

कार्यक्रम के शुभारंभ पर युवा पीढ़ी की ओर से श्री दक्ष सिंघल ने भारत के गौरवशाली अतीत की व्यख्या करते हुए कहा कि हमारा भारत वर्ष मात्र एक जमीन का टुकड़ा या कागज पर बना नक्षा नहीं बल्कि हजारों सालों की एक गौरवशाली सनातन धार्मिक, सांस्कृति, अध्यात्मिक परंपरा है जिसने विश्व गुरू के रूप में पहचान बनाई।

इस कार्यक्रम का शुभारंभ पद्मश्री से सम्मानित जानी मानी शास्त्रीय गायिका श्रीमती सोमा घोष ने किया, श्रीमती घोष को इस कार्यक्रम के दिन राष्ट्रपति भवन में पद्मश्री प्राप्त करने के लिए रिहर्सल में पहुँचना था, लेकिन समय निकाल कर इस आयोजन में शामिल होकर उन्होंने कलाकारों का हौसला बढ़ाया।

7140f219-a0b8-4e08-81cc-e808cc37fabdकार्यक्रम में जाने माने उद्योगपति श्री सुरेश चतुर्वेदी, महाराष्ट्र की महिला एवँ बाल विकास राज्य मंत्री श्रीमती विद्या ठाकुर, श्री जय प्रकाश ठाकुर, ज़ी मीडिया के प्रमुख श्री भास्कर दास, भागवत परिवार के ट्रस्टी श्री विश्वनाथ चौधरी, श्री सुशील राजगढ़िया, श्री एसपी गोयल, श्री सुरेश खंडेलिया, श्री सुरेंद्र विकल, एवँ श्री हरीश जालान, श्री संजय जगताप के साथ ही मुंबई के कई प्रमुख उद्योगपति, समाजसेवी एवँ कारोबारी उपस्थति थे।

कार्यक्रम के संयोजन में श्री मधुसूदन संगरोड़िया, श्री सुनील सिंघल, श्री पी.एस. श्रीमाली, श्री पीयूष सरैया, श्री सुभाष चौधरी की प्रमुख भूमिका रही। कार्यक्रम का संचालन श्री वीरेंद्र याज्ञिक ने किया।

भागवत परिवार द्वारा भारत के प्राचीन वैदिक विज्ञान और गौरवमयी अतीत को सामने लाने के लिए अतुल्य भारत के नाम से एक स्मारिका का भी प्रकाशन किया जा रहा है। इसका लोकार्पण समारोह रक्षा बंधन (संस्कृत दिवस) के उपलक्ष्य में होगा। इस ग्रंथ के संपादन मंडल में श्री महावीर नेवटिया, ड़. बनमाली चतुर्वेदी, श्री चन्द्रशेखर अग्रवाल एवँ श्री दिनेश चंद्र बेसवारी शामिल हैं। इसका प्रकाशन डॉ. विनोद टिबड़ेवाल के मार्गदर्शन में संपन्न होदा।

भागवत परिवार द्वारा व्यापक स्तर पर विभिन्न सामाजिक, शैक्षणिक व धार्मिक आयोजनों के माध्यम से समाज को एक सूत्र में बाँधने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में प्रति वर्ष भारत के तीर्थ स्थानों और दर्शनीय स्थानों की यात्रा का आयोजन किया जाता है। इस बार ये यात्रा वारणसी, प्रयाग, चित्रकूट और विंध्यांचल जाएगी। भागवत परिवार द्वारा सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में कन्या विवाह, निर्धनपरिवारों के बच्चों को पढ़ाई के लिए सहायता, निराश्रित रोगियों की चिकित्सा के कार्य नियमित रूप से किए जा रहे हैं।

मॉरीशस में स्थापित रामायण सेंटर तथा वहाँ एक भव्य राम मंदिर के निर्माण में भी भागवत परिवार अपना योगदान दे रहा है। मॉरीशस में यह भव्य राम मंदिर नवंबर 2016 में बनकर तैयार हो जाएगा।