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रवि रतलामी : हिंदी वालों को इंटरनेट और कंप्यूटर की बारीकियां सिखाने वाला गुरु नहीं रहा

हिंदी वालों को इंटरनेट और कंप्यूटर की बारीकियां सिखाने वाले और ‘रचनाकार’ जैसे साहित्यिक ब्‍लॉग की शुरुआत करने वाले मशहूर ब्लॉगर रवि रतलामी (रविशंकर श्रीवास्तव) का रात साढ़े ग्यारह बजे के आसपास तीव्र दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया।

५ अगस्त १९५८ को मध्‍यप्रदेश के र‍तलाम जिले में जन्मे रवि रतलामी ने इंटरनेट पर हिन्दी में तकनीक और साहित्य संकलन पर रविजी ने जितना काम किया है उतना शायद ही किसी और ने किया होगा। हिंदी साहित्य पठन और लेखन उनका शगल था। इलेक्‍ट्रिकल इंजीनियरिंग में स्नातक रवि इन्फार्मेशन टेक्नॉलाजी के लेखक भी थे। उन्‍होंने बीस सालों तक इलेक्‍ट्रिकल इक्‍यूपमेंट मैन्टेनेंस इंजीनियर के पद पर कार्य किया और उस विभाग से ऐच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर स्‍वतंत्र रूप से तकनीकी लेखन किया। मूल रूप से तकनीक से जुड़े होने के बावजूद इन्‍होंने ‘रचनाकार’ जैसे साहित्यिक ब्‍लॉग की शुरुआत की।

आम घटनाओं के साथ-साथ तकनीक से जुड़ी जानकारियाँ इनके ब्‍लॉग का हिस्‍सा बनती गईं। 2006 में ‘रवि रतलामी का हिन्‍दी ब्लॉग’ को माइक्रोसॉफ्ट भाषा इंडिया ने सर्वश्रेष्‍ठ हिन्‍दी ब्‍लॉग से भी नवाजा था। इनके सैंकड़ों तकनीकी लेख भारत की प्रतिष्ठित अंग्रेज़ी पत्रिका आईटी तथा लिनक्स फॉर यू, नई दिल्ली, भारत (इंडिया) से प्रकाशित हुए।

इनके ब्‍लॉग की एक खासियत यह है कि यह न केवल हिन्‍दी में बल्कि अँगरेजी, गुजराती, बंगाली, तेलुगु, तमिल, पंजाबी, मलयालम, उडि़या, कन्‍नड़ भाषाओं में भी मौजूद है। इस ब्‍लॉग के अतिरिक्‍त ‘रचनाकार’ और ‘देसीटून्‍ज’ में भी रवि र‍तलामी का कौशल दिखता था। हिंदी कविताएँ, ग़ज़ल, एवं व्यंग्य के क्षेत्र में भी इनकी अनगिनत रचनाएँ हिंदी पत्र-पत्रिकाओं दैनिक भास्कर, नई दुनिया, नवभारत, कादंबिनी, सरिता इत्यादि में प्रकाशित हो चुकी हैं। हिंदी दैनिक चेतना के पूर्व तकनीकी स्तंभ लेखकर रह चुके हैं।

‘रचनाकार’ जहाँ पूरी तरह से गंभीर साहित्यिक ब्‍लॉग है, वहीं ‘देसीटून्‍ज’ में व्‍यंग्‍यात्‍मक शैली के कार्टून्‍स और केरीकेचर्स से आप प्रभावित हुए बिना नहीं रह पाएँगे। ‘रचनाकार’ ब्‍लॉग पर प्रकाशित हुई यह कविता गहरी संवेदनाओं से बुनी गई है, जिससे प्रतीत होता है कि रवि ने केवल तकनीक ही नहीं हर विधा को छूने का प्रयास किया।

‘रवि रतलामी का हिन्‍दी ब्‍लॉग’ में तकनीक से जुड़ी जानकारियों के अलावा आम घटनाएँ, साहित्‍य और कला की हलचलें भी मौजूद हैं। लेखक लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम के हिंदी-करण के अवैतनिक-कार्यशील सदस्यों में से एक थे और इनके द्वारा गनोम डेस्कटाप के ढेरों प्रोफ़ाइलों का अंग्रेज़ी से हिंदी अनुवाद किया गया है।