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बॉयज़ लॉकर रुमः मीडियाका अर्ध्द सत्य किसी की जान भी ले लेता है

अब जब बॉयज लॉकर रूम का सत्य सामने आ गया है तो चलिए पूरा घटनाक्रम समझते हैं एक नाबालिग लड़की ने एक लड़के सिद्धार्थ के नाम से फर्जी आईडी बनाई और लड़का बनकर लड़कों से चैट करने लगी और उसी ऑनलाइन चैट में लड़के की आईडी से शामिल उस लड़की ने लड़कों के समूह से अपना ही गैंगरेप करने को कहा, जिसे लड़कों ने तत्काल मना कर दिया।

अब उस लड़की ने सिद्धार्थ नाम के फर्जी आईडी से की गई अपनी चैट के स्क्रीनशॉट लिए और अपनी असली आईडी से वायरल कर दिए विक्टिम कार्ड खेला की उसे रेप की धमकियां दी जा रही हैं, पूरे देश में एक बवंडर खड़ा हो गया सारे फेमिनाजी उन नाबालिग लड़कों के खून के प्यासे हो उठे,

जिन लड़कों का कहीं कोई दोष ही नहीं था उन्हें कामातुर पिशाच, दरिंदा, पोटेंशियल रेपिस्ट, बलात्कारी, सेक्सुअल प्रेडेटर, मेल पिग घोषित किया जाने लगा, और कई अल्ट्रा फेमिनिस्ट तो उन नाबालिग लड़कों को मृत्युदंड और उनकी लिंचिंग की मांग कर उनके चरित्र की मोब लिंचिंग में जुट गए,

इन्हीं में से एक लड़का अपने विरुद्ध छोड़े गए इस फर्जी, झूठे और गंदे स्मीयर कैंपेन को झेल ना सका, वह जानता था कि यदि इस कॉन्ट्रोवर्सी से उसका नाम निकल भी गया तो भी आजीवन उसके माथे पर रेपिस्ट का कलंक लगा रहने वाला है, सड़क पर वह जब भी निकलेगा उसे सदैव संशय व् तिरस्कार की दृष्टि से देखा जाएगा, वह निर्दोष लड़का अपने ही घर में रहने वाली अपनी मां और बहन से इन झूठे आरोपों के कारण आंखें मिलाने योग्य तक न रहा, और इसी लज्जा के कारण उसने आत्महत्या का निर्णय लिया, और स्वंय अपने प्राण लेकर उसने इस बेज्जती से मुक्त होने का निश्चय किया,

उस लड़के की मृत्यु के बाद उसकी बहन द्वारा लिखी गई मार्मिक पोस्ट हम सभी को पढ़नी चाहिए और विशेषकर उन फेमिनाजीयों को जो बिना सत्य जाने इन लड़कों के खून के प्यासे हो गए थे,आशा है इस नाबालिग बच्चे की मृत्यु से उनके खून की प्यास कुछ तो संतुष्ट हुई होगी,

और अब आपको यदि उस फर्जी आईडी बनाकर यह पूरा षड्यंत्र रचने वाली लड़की की प्रतिक्रिया इस लड़के की मृत्यु पर बताऊं तो उसने इस लड़के की आत्महत्या और मृत्यु पर बिना कोई दुख व्यक्त किए उसे कमजोर कहकर अपना पल्ला झाड़ लिया, और अपने सोशल मीडिया पर व्हिसल ब्लोअर और विक्टिम बनने का ढोंग कर 20 हजार के अपने फॉलोवर्स काउंट से अपने फॉलोवर्स की संख्या 53 हजार तक बढ़ा ली।

हम सबने रोहतक बहनों का एपिसोड देखा है कि वह कैसे वे लड़कों को शिकार बनाती थी और लड़कों का कैरियर तक बर्बाद करती थी दो लड़के तो वो थे जिनका आर्मी में सेलेक्शन हो गया था और उन्हें झूठे आरोपों के कारण ड्राप कर दिया गया, और इन्ही रोहतक बहनों को इसी मीडिया ने हीरो बनाकर प्रस्तुत किया था, जिनका सत्य सामने आने के बाद उनपर कोई कर्यवाही नहीं हुई,

हम सबने आम आदमी पार्टी की कार्यकर्ता जसलीन कौर द्वारा एक निर्दोष युवक के ऊपर लगाए गए झूठे आरोप भी देखे हैं और उस युवक का जीवन बर्बाद होते भी देखा है कि कैसे उसकी नौकरी तक चली गई थी, उसके घरवालों एवं मित्रों तक ने उससे दूरी बना ली थी, और यह पूरा झूठ सामने आने के बाद कैसे जसलीन कौर पर कोई कार्यवाही नहीं हुई।

हमने 60+ के बुजुर्ग को एक बच्ची की माँ से मामूली बहस पर मां द्वारा बुजुर्ग पर उसकी छोटी बच्ची के फर्जी आरोप भी देखे हैं जिसके बाद उस बुजुर्ग व्यक्ति ने झूठे आरोपों और बदनामी से व्यथित होकर अपनी वृद्ध पत्नी समेत आत्महत्या कर ली थी।

हमने मी टू कैंपेन में भी देखा है कि कैसे 20-25 साल पुराने झगड़ों को भी फर्जी आरोप लगाकर सेटल किया गया था, और फिर छवि खराब करने की धमकियां और धन उगाही की खबरें तक देखी हैं,

इन दिनों फेमिनाजी और लेफ्ट लिब्रलो द्वारा चलाया गया जिस प्रकार का जहरीला कैंपेन देखा है उसके आधार पर कह सकता हूं कि यह “फेमिनिज्म” कोई महिलाओं को बराबरी के अधिकार, उनके उत्थान और उन्हें आगे बढ़ाने की विचारधारा नहीं बल्कि अवसरवादिता व् पाखंड से सनी हुई और जहरीली कुंठित और पुरुष समाज के प्रति घनघोर घृणा से लिसड़ी हुई विषाक्त मानसिकता है, और इन कुत्सित हरकतों के शोर में सदैव ही वास्तविक पीड़ित महिलाओं की चीत्कार दब जाती है और उन्हें न्याय मिलने का मार्ग अवरुद्ध हो जाता है।

साभार- सोशल मीडिया से