1

बुन्देलखण्ड : “क्या भाजपा की पटेल राजनीति बदल देगी पाठा की किस्मत !”

मऊ- मानिकपुर (237) सीट से भाजपा ने पूर्व मंत्री आर. के. पटेल के ऊपर दांव लगा दिया है । खास बात ये है कि आरके पटेल कुछ ही दिन पहले बसपा छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे । इस सीट से अब तीनों पटेल उम्मीदवार (सपा – डॉ. निर्भय सिंह पटेल ,बसपा-चन्द्रभान पटेल, भाजपा-आरके पटेल) । लगभग चार दशक से भी ज्यादा समय तक दस्यु प्रभाव झेलने के बाद आज भी यहाँ मूलभूत समस्याएँ जस की तस हैं।

देखना दिलचस्प होगा कि बुन्देलखण्ड के इस सबसे पिछड़े और अतिसंवेदनशील क्षेत्र में कौन सा सियासी सूरमा बाजी मारेगा ! क्योंकि चुनाव के बाद की लड़ाई बहुत कठिन और संघर्ष भरी साबित होगी .. लेकिन भाजपा के इस टिकट ने इतना तो स्पष्ट रूप से बता दिया कि उसके पास फ़िलहाल इस क्षेत्र में कोई भी संघर्षशाली और मजबूत चेहरा नही है । पाठा के सियासी जानकारों की मानें तो बसपा प्रत्याशी चन्द्रभान सिंह पटेल पाठा की सियासी दौड़ से बाहर होते दिख रहे हैं ।

अभी तक भाजपा ऊंची जातियों की पार्टी कही जाती थी लेकिन उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों में हुए टिकट बंटवारे ने इस मिथक को पलट दिया है । कल्याण सिंह के समय में भी भाजपा ने दलितों और पिछडो के बीच पैठ बनाई थी लेकिन इस बार पार्टी इन समीकरणों को लेकर कुछ ज्यादा ही आक्रामक है । सपा और बसपा को उसी के हथियार (जातीय समीकरण) से ही समाप्त करने की सोंच रही है । हो सकता है कि ये सपा और बसपा की राजनीति को खत्म करने वाला चुनाव साबित हो ! कुछ भी हो लेकिन आखिर में जनता ही अपने वोट से तय करेगी कि किसका समीकरण प्रदेश का विकास करेगा ।
Attachments area