आप यहाँ है :

धर्म-संस्कृति
 

  • खबरें दुनिया भर की डीएवी,यूनिट-8,भुवनेश्वर ने मनाया वार्षिकोत्सव-आड-मेलिओरा

    भुवनेश्वर। 17जनवरी को सायंकाल डीएवी,यूनिट-8,भुवनेश्वर ने अपने ही प्रांगण में अपने दो दिवसीय वार्षिकोत्सव-आड-मेलिओरा-2023 की पहली शाम हर्षोल्लास के साथ मनाया। समारोह के मुख्य अतिथि के रुप में आईपीआईसीओएल के कार्यकारी निदेशक श्री कल्याण चरण महंती ने योगदान दिया।उन्होंने अपने संबोधन में स्कूल की असाधारण उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए स्कूल को भुवनेश्वर का एक […]

  • संधीजी जैन मंदिरः  बहुमूल्य प्रतिमाओं का अनुपम खजाना

    संधीजी जैन मंदिरः बहुमूल्य प्रतिमाओं का अनुपम खजाना

    परम पूज्य आचार्य शांतिसागर महाराज का संघ सहित यहां सन 1933 की मंगसिर बदी तेरस को पदार्पण हुआ। आचार्य शांतिसागर जी महाराज ने आदिनाथ बाबा के दर्शन कर अलौकिक शांति का अनुभव किया तथा कहा कि यह चतुर्थकालीन महा अतिशयकारी प्रतिमा है।

  • जहां शिव सुन्दरेश्वरर रूप में  मीनाक्षी रूप में पार्वती से विवाह रचाने आए थे

    जहां शिव सुन्दरेश्वरर रूप में मीनाक्षी रूप में पार्वती से विवाह रचाने आए थे

    मुख्य शिव मन्दिर समूह के मध्य में स्थित है शिल्प युक्त सहस्र स्तंभ। मन्दिर के गर्भ गृह में शिव की नटराज मुद्रा भी स्थापित है जिसमें वे अपना दांया पैर उठा है।

  • श्राध्दः श्रध्दा, परंपरा, परिवार और पर्यावरण को बचाने का पर्व

    श्राध्दः श्रध्दा, परंपरा, परिवार और पर्यावरण को बचाने का पर्व

    उदित होती हुई उषा, बहती हुई नदियाँ, सुस्थिर पर्वत और पितृगण सदैव हमारी रक्षा करें ।" -ऋग्वेद की यह प्रार्थना हमारी संस्कृति में पितरों की भूमिका को रेखांकित करती है । अपनी परम्परा में पितरों की उपस्थिति को अनुभव करना ही सच्ची पितृपूजा है।

  • आचार में अहिंसा,विचार में अनेकांत और जीवन में अपरिग्रह की महिमा

    आचार में अहिंसा,विचार में अनेकांत और जीवन में अपरिग्रह की महिमा

    सत्य के सदन में अहिंसा के अवतरण का नाम है तीर्थकर महावीर स्वामी। अचौर्य के आचरण और अपरिग्रह के अनुकरण का नाम है महावीर स्वामी। अनेकान्तवाद के आकाश में उत्सर्ग की उड़ान का नाम है महावीर स्वामी। अवैर की अभिव्यक्ति और क्षमा की शक्ति का नाम है महावीर स्वामी। सहिष्णुता की सात्विकता और संयम के सामर्थ्य का नाम है महावीर स्वामी। सद्भाव से सरोकार और समता के सूत्रधार का नाम है महावीर स्वामी।

  • गुरु पूर्णिमा गुरु-पूजन का अनूठा पर्व

    गुरु पूर्णिमा गुरु-पूजन का अनूठा पर्व

    पर्वों, त्यौहारों और संस्कारों की भारतभूमि में गुरु का स्थान सर्वोपरि माना गया है। पश्चिमी देशों में गुरु का कोई महत्व नहीं है, वहां विज्ञान और विज्ञापन का महत्व है परन्तु भारत में सदियों से गुरु का महत्व रहा है। गुरु-पूर्णिमा गुरु-पूजन का पर्व है।

  • देश भर में फर्जी शंकराचार्यों की बाढ़

    आदि जगद्गुरु शंकराचार्य द्वारा स्थापित चार पीठों में से केवल दक्षिण भारत की शृंगेरी पीठ को छोडकर अन्य तीनों में शंकराचार्य के पदों को लेकर विभिन्न साधु-संतों में जबरदस्त झगड़ा चल रहा है। इन तीनों पीठों के उत्तराधिकारी का मामला कोर्ट-कचहरी तक जा पहुंचा है।

  • मानिकपुर (पाठा) में गूंजा राम नाम ,भरोसा राधा कृष्ण मंदिर में ऐतिहासिक शोभा यात्रा का हुआ समापन

    मानिकपुर (पाठा) में गूंजा राम नाम ,भरोसा राधा कृष्ण मंदिर में ऐतिहासिक शोभा यात्रा का हुआ समापन

    "एक ही नारा एक ही नाम- जय श्री राम , जय श्री राम।" के नारों से आज पाठा की धरती गूँज उठी । मानिकपुर नगर में इस बार श्रीराम की ऐतिहासिक शोभा यात्रा निकाली गई । नगर के प्रतिष्ठित भरोसा राधा कृष्ण मंदिर में श्रीराम के जन्म के बाद मंदिर के महंत परम् श्रद्धेय प्रमोद दास जी महाराज द्वारा भगवान का अभिषेक किया गया ।

Get in Touch

Back to Top