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रिटायर नहीं हुआ हूं……
जिस प्रकार मै साहित्य सृजन में लगा हूं ऐसे ही रिटायर लोग सक्षरता विकास,वृक्षारोपण, पर्यावरण, वन्य जीव संरक्षण, रक्त दान, अंग दान, धार्मिक कार्य आदि से अपनी - अपनी रुचि के अनुसार किसी न किसी सेवा प्रकल्प से जुड़ कर जीवन को सार्थक कर रहे हैं।
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याद माँ की मीठी यादों की
किसी तरह मैंने अपना सामान सूटकेस पर ही रख दिया और माँ पिताजी की यादों में खो गई| पता न चला कब आँख लग गई और सुबह के पांच बजे पास वाली मस्जिद की अजान से मेरी