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ईमानदार अधिकारी संजीव चतुर्नेवेदी ने बेईमानी के खिलाफ प्रधान मंत्री को पत्र लिखा

एम्स के पूर्व सीवीओ और उत्तराखंड कैडर के आईएफएस अधिकारी संजीव चतुर्वेदी ने व्यवस्था से परेशान होकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खुली चिट्ठी लिखी है। इसमें उन्होंने कहा है कि देश में धार्मिक सहिष्णुता और असहिष्णुता पर बेकार की बहस चल रही है, जबकि सच तो यह है कि देश की व्यवस्था में सिविल सेवाओं के ईमानदार अधिकारियों के खिलाफ असहिष्णुता बरती जा रही है।

उन्होंने कहा कि ईमानदार अधिकारियों को परेशान किया जा रहा है और उन पर हमले भी हो रहे हैं। वर्तमान में ईमानदार और कानून का पालन करने वाले सिविल सेवा अधिकारी सबसे खराब दौर से गुजर रहे हैं।

एम्स और स्वास्थ्य मंत्रालय की आनाकानी के बाद संजीव ने रेमन मैग्सेसे अवार्ड में मिले करीब 20 लाख रुपये की राशि प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष में दान करने का निर्णय लिया।
संजीव चतुर्वेदी ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि देश में सार्वजनिक तौर पर बेकार की धार्मिक सहिष्णुता और असहिष्णुता पर बहस चल रही है। इस वजह से स्वास्थ्य, स्वच्छता, शिक्षा, पीने का पानी, ऊर्जा, वातावरण जैसे अहम मुद्दे गौण होते जा रहे हैं।

चतुर्वेदी ने कहा कि एम्स प्रशासन और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय उनके साथ अस्पृश्यता का व्यवहार कर रहा है। रेमन मैग्ससे अवार्ड के तौर पर मिली 20 लाख रुपये की राशि उन्होंने एम्स में गरीब मरीजों के इलाज के लिए दान की, लेकिन एम्स ने इस पर स्वास्थ्य मंत्रालय की राय मांगी थी। तीन माह बीतने के बाद एम्स ने 15 नवंबर को चेक लौटा दिया।

उन्होंने कहा कि वह इस नेक काम में कोई और विवाद नहीं चाहते और अवार्ड की 19,85,187 रुपये की राशि प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष में दान करना चाहते हैं, इसे स्वीकार किया जाए।

साभार- amarujala.com से