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अंतिम संस्कार विभाग व अंत्येष्टि मंत्रालय की स्थापना की मांग

कोटा 6 फरवरी/कर्म योगी सेवा संस्थान के संयोजन में सोमवार को देश प्रदेश में अंतिम संस्कार विभाग अंत्येष्टि मंत्रालय की स्थापना किए जाने की मांग को लेकर, जिला कलेक्टर को ,राष्ट्रपति ,लोकसभा अध्यक्ष, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री राजस्थान सरकार ,सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग मंत्री ,राजस्थान राज्यपाल ,स्वायत्त शासन मंत्री, के नाम ज्ञापन सौंपा गया।

संस्थापक अध्यक्ष राजाराम जैन कर्मयोगी रावण सरकार संयोजिका अलका दुलारी जैन कर्मयोगी इंतकाल इंतजामया कमेटी के अध्यक्ष गुड्डू भाई वारसी,के नेतृत्व मैं दोपहर कर्म योगी सेवा संस्थान के नयापुरा मुख्यालय से नयापुरा चौराहे एमबीएस हॉस्पिटल रोड होते हुए ,अदालत चौराहे तक एंबुलेंस एवं अंतिम यात्रा वाहनों की रैली मैं राम नाम सत्य है की धुन के साथ मैं अर्थी लेकर जिला कलेक्ट्री पर पहुंचे।

जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंप कर ज्ञापन में मांग की गई ड्रीम प्रोजेक्ट स्मार्ट सिटी के अंतर्गत, स्मार्ट सिटी की सार्थकता को सिद्ध करते हुए ,देश में स्थापित विभिन्न विभागों की तर्ज पर ,अति आवश्यकअंतिम संस्कार विभाग की स्थापना कि जानी चाहिए। इसके अंतर्गत मृत्यु उपरांत होने वाली आवश्यक व्यवस्थाओं एवं विविध संसाधनों को, एक ही छत के नीचे सुव्यवस्थित तरीके से उपलब्ध करवाए जाने हेतु, सरस डेयरी बूथ की तर्ज पर ,कस्बों एवं शहरों में अंतिम संस्कार सामग्री केंद्र मोक्ष धाम के आसपास ही स्थापित किए जाने चाहिए।
ज्ञापन में मुक्तिधाम पर सुखी लकड़ी कंडे उपलब्ध करवाए जाने हेतु स्टोर रूम बनवाए जाने की आवश्यकता है जहां से लोगों को वर्ष भर सुखी लकड़ी मुक्तिधाम पर ही प्राप्त हो सके। शहरों के सभी मुक्तिधाम को आधुनिक व्यवस्थाओं के साथ व्यवस्थित करने की भी आवश्यकता है, सामाजिक परंपराओं के अनुरूप शव को स्नान कराने की व्यवस्था ,मुक्तिधाम पर छायादार बैठने की व्यवस्था, लेटबाथ,की व्यवस्था ,मुक्तिधाम पहुंचने के सभी मार्ग सीसी रोड हो, मुक्तिधाम पर रोशनी की पर्याप्त व्यवस्था हो।

कितनी बार इमरजेंसी स्थिति में परिजनों को रात्रि को भी अंतिम संस्कार करने पड़ते हैं, अंतिम संस्कार के पश्चात परिवार में एकत्रित महिलाओं को स्नान की आवश्यकताएं होती है, ऐसे में इस हेतु विशेष स्नान घर बनवाए जाने चाहिए ,पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए ,बड़े शहरों में विद्युत शवदाह गृह एलपीजी द्वारा चलित शव दाह ग्रह स्थापित होने चाहिए। मुक्तिधाम का रखरखाव साफ सफाई व्यवस्था सुनिश्चित हो इस हेतु वेतन भोगी कर्मचारी एवं चौकीदार नियुक्त होने चाहिए मुक्तिधाम पर अक्सर अंतिम संस्कार के पश्चात अस्थियां चोरी होने की घटनाएं आम हो चली है इससे परिजनों की भावनाएं आहत होती है 24 घंटे कर्मचारी नियुक्त होने से सुरक्षा व्यवस्था बनी रहेगी अप्रिय घटनाओं का सामना नहीं करना पड़ेगा रात्रि में शवों को सुरक्षित रखने हेतु डी फ्रीजर की व्यवस्था ,एवं डेड बॉडी को एक शहर से दूसरे शहर या राज्य तक पहुंचाने हेतु, कॉफिन एवं ताबूत की व्यवस्था मुक्तिधाम पर ही निर्धारित होनी चाहिए।

कितनी बार विषम परिस्थितियों में ,दिवंगत व्यक्ति के शव को परिजन ,घर पर लाने में असमर्थ होते हैं ,ऐसे में रात्रि को शव को सुरक्षित रखने हेतु कोई स्थान नहीं मिल पाता है, आकस्मिक दुर्घटना से परिवार की महिलाओं को परिजनों को जानकारी से दूर रखने हेतु ,ऐसा करने की विवशता होती है, ऐसे में रात्रि में डेड बॉडी को सुरक्षित रखा जा सके इस प्रकार की फ्रीजर युक्त व्यवस्था पोस्टमार्टम रूम के आसपास ही बनानी चाहिए, कितनी ही बार इलाज के दौरान रात्रि में हॉस्पिटल में मृत्यु होने पर डेड बॉडी को तुरंत प्रभाव से वार्ड से बाहर करवा दिया जाता है ,परिजनों के सामने समस्या खड़ी हो जाती है, रात्रि में शव को कैसे रखें, इसलिए अस्पताल मैं भी डेड बॉडी रखने की व्यवस्था निश्चित होनी चाहिए, मृत पैदा होने वाली शिशु ,जन्म लेते ही कुछ समय बाद मरने वाले बच्चों को, दफनाने के स्थल ,मुक्तिधाम पर सुव्यवस्थित फुलवारी युक्त होने चाहिए, वर्तमान में मुक्तिधाम पर परिजन ,बच्चे को दफनाने के बाद पत्थर एवं कटीली झाड़ियां रख कर चले जाते हैं, बाद में शव को सूअर और कुत्ते निकालकर नोच कर खाते रहते हैं ,घसीटते रहते हैं ,या तांत्रिक निकालकर ले जाते हैं।

इस प्रकार की अप्रिय घटनाओं से बचने हेतु, सुव्यवस्थित व्यवस्था निर्धारित करनी चाहिए, शमशान पर ही अस्थियों को रखने हेतु, विशेष अस्थि कलश मंदिर बनवाया जाने चाहिए ,क्योंकि परिजन कितनी ही बार ,समय अभाव या आर्थिक अभाव, या किसी अन्य परिस्थिति वश ,तुरंत अस्थियों को गंगा जी में विसर्जित करने में असमर्थ होते हैं, ऐसे में कुछ समय विशेष तक के लिए अस्थियों को सुरक्षित रखने हेतु, गरिमा युक्त सुरक्षित स्थान बनवाए जाने चाहिए, मृत्यु उपरांत नेत्रदान, देहदान, अंगदान, करने एवं समाजों के द्वारा किए जाने वाले ,मृत्यु भोज ,को रोकने के लिए प्रेरित करने का कार्य भी विभाग द्वारा ही संचालित किया जाना चाहिए।

देश के सभी मुक्तिधाम एवं कब्रिस्तान का कंप्यूटरीकृत विवरण, अंतिम संस्कार विभाग के पास होना चाहिए, शमशान कब्रिस्तान के विकास विस्तार एवं आवश्यकता अनुसार नए मुक्तिधाम कब्रिस्तान का निर्धारण मंत्रालय द्वारा ही निर्धारित होना चाहिए ।

यह भी मांग की गई कि देश में मुक्तिधाम एवं कब्रिस्तान के लिए स्थान का अभाव होने की स्थिति में विदेशों की तर्ज पर,बहुमंजिला शमशान कब्रिस्तान विकसित किए जाने चाहिए, विशेष दुर्घटनाओं एवं प्राकृतिक आपदाओं में, होने वाली मौतों को ध्यान में रखते हुए, अधिक शवों को लाने ले जाने हेतु विशेष वाहन निश्चित किए जाने चाहिए ,शहर एवं ग्रामीण मुक्तिधाम की अतिक्रमण की गई भूमि को, मुक्त करवाकर चार दिवारी बनवाई जानी चाहिए, जिन गांव में भूमि कम हो भविष्य को ध्यान में रखते हुए आबादी के अनुसार उन्हें अतिरिक्त भूमि आवंटित करवाई जानी चाहिए, प्रत्येक गांव के बेसलाइन सर्वे के साथ मुक्तिधाम की जमीन का भी सर्वे होना चाहिए, अभी तक देश में एंबुलेंस से ही शवों को लाया ले जाया जाता है, कितने लोगों की मृत्यु संक्रमण जनित रोग के कारण होती है ,उसी एंबुलेंस में साधारण मरीजों को लाना ,और संक्रमित डेड बॉडी को ले जाना ,स्वास्थ्य सुरक्षा की दृष्टि से गलत है, अतः शवों को लाने ले जाने हेतु शव वाहन का अलग से निर्धारण किया जाना आवश्यक है, 108 की तर्ज पर शव वाहन का नामकरण, 112 या 12 12 किया जा सकता है ,हॉस्पिटल से किसी भी परिवार तक शव को पहुंचाने ,एवं अन्य शहर या गांव में शव को ले जाने हेतु, रियायती दर पर एंबुलेंस की व्यवस्था सुनिश्चित होनी चाहिए।

वर्तमान में एंबुलेंस चालकों द्वारा मनमानी राशि वसूल किया जाना आम बात है, ऐसे में गरीब परिजन एंबुलेंस की व्यवस्था करने में असमर्थ होते हैं, एवं शव को कंधे पर या साइकिल पर या ऑटो रिक्शा पर ही ले जाने की स्थिति में देखें गए हैं, ऐसी घटनाओं से शासन प्रशासन को कितनी ही बार शर्मसार होना पड़ा है, अतः देश प्रदेश मे अन्य विभागों की तर्ज पर अंतिम संस्कार विभाग अंत्येष्टि मंत्रालय की स्थापना करते हुए, देश दुनिया में नई मिसाल पेश करनी चाहिए ,उक्त कार्य हेतु दानदाताओं एवं स्वयंसेवी संस्थाओं को प्रोत्साहित कर, उनसे भी आर्थिक सहयोग लिया जा सकता है ,जिससे शासन प्रशासन पर वित्तीय भार भी नहीं पड़ेगा।

राजाराम ने बताया कि उक्त ज्ञापन उनके विगत 25 वर्षों के अनुभव के आधार पर प्रेषित कर रहा हूं अभी तक मेरे द्वारा 17 वर्षों में 80000 अस्सी हजार से भी अधिक अंत्येष्टि क्रिया की जा चुकी है कर्म योगी सेवा संस्थान द्वारा गरीब असहाय को निशुल्क एवं सक्षम को न्यूनतम शुल्क पर अंतिम संस्कार से संबंधित सभी व्यवस्थाएं उपलब्ध करवाई जा रही है। आज अंतिम यात्रा शव वाहनों की रैली के माध्यम से जिला कलेक्ट्री पहुंचकर कलेक्टर साहब को ज्ञापन देने मैं संस्था कोटा उत्तर अध्यक्ष अनिल कुमार शर्मा हेमंत सिंह लक्ष्मी नारायण गर्ग सलीमुद्दीन संजय कुमार वीना सिंह गहलोत उपस्थित रहे जल्दी ही संस्थान द्वारा देश के सभी सांसदों को अंतिम संस्कार विभाग अंत्येष्टि मंत्रालय की मांग को लेकर पत्र जारी किए जाएंगे संसद में इस मांग को उठाएं और इस विभाग का मंत्रालय गठित करवाएं।