पश्चिम रेलवे के दिव्यांग कर्मचारियों ने स्थापित किया एक प्रेरणादायक उदाहरण

म रेलवे के कैरेज रिपेयर वर्कशॉप-भावनगर में कार्यरत दिव्यांग कर्मियों ने कुशलतापूर्वक कार्य करते हुए एवं लोगों के सम्मुख दृढ़ संकल्प का परिचय देते हुए यह सिद्ध किया है कि वे अन्य कर्मियों की तुलना में किसी भी तरह पीछे नहीं है। दिव्यांग कर्मचारियों ने एक टीम के रूप में अपने दृढ़ संकल्प, समर्पण एवं निःस्वार्थ भाव से कुशलतापूर्वक कार्य करते हुए सभी बाधाओं को दूर किया है एवं अपने काम को सटीकता पूर्वक किया है। इन कर्मचारियों द्वारा इस तरह का उत्कृष्ट प्रयास प्रेरणादायक एवं काबिले तारीफ है।

भावनगर स्थित कैरेज रिपेयर वर्कशॉप में 62 दिव्यांग कर्मचारी कार्यरत हैं, जिनमें से 39 कर्मचारी गहन तकनीकी कारणों से जुड़े हैं। 32 कर्मचारी कलपुर्जों की मरम्मत का कार्य करते हैं। ये एक ऐसी श्रमशक्ति हैं, जो कठिनाइयों एवं दुष्कर कार्यों को भी करने में सक्षम हैं। वर्तमान में ये ब्रेक हेड मरम्मत, ब्रेक रिंगिंग लीवर मरम्मत, इक्वीलाइजिंग स्टे रिपेयर, बोगी पुर्जा सामग्री छँटाई, बोल्स्टर सस्पेंशन स्प्रिंग हैंगर गेजिंग तथा पेंट, एंकर लिंक रिपेयर, बोगी के पुर्जों की रंगाई, पैलेट में बोगी पुर्जों को अलग करना इत्यादि कार्यों से जुड़े हैं। इन कर्मचारियों को निजी सुरक्षा उपकरण जैसे (सेफ्टी जूते, हेलमेट एवं दस्ताने) आरामदायक औजार एवं कुर्सियों के अतिरिक्त उनके कार्य स्थल तक उनके वाहनों को ले जाने की विशेष सुविधा जैसी सभी आवश्यक सहायता एवं सुविधाएँ प्रदान की गई हैं। कार्य निष्पादन में इनकी सहायता करने हेतु सेक्शन इंचार्ज उपलब्ध रहते हैं। मुख्य कारखाना प्रबंधक के निर्देशानुसार इन कर्मियों के उत्साहवर्द्धन के लिए रेल प्रशासन द्वारा हर आवश्यक सहायता यथासमय सुनिश्चित की जाती है। ये दिव्यांग कर्मचारी अत्यधिक संतोषप्रद रूप से उच्च मनोबल के साथ काम कर रहे हैं। ओपन लाइन से उनके द्वारा किये गये कार्यों से विफलता इत्यादि की किसी भी प्रकार की शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। साथ ही उनकी कार्यशैली, सामग्रियों की शॉटिंग, अलग करना, कार्यस्थल पर साफ-सफाई भी अनुकरणीय है। इसके अतिरिक्त उन्हें उनकी क्षमता के अनुरूप कार्य सौंपे गये हैं। वर्कशॉप के फेंसिंग की रंगाई एवं शीट मेटल के कटआउट से जानवर एवं पक्षियों के मॉडल बनाकर वर्कशॉप के बगीचों का भी सौंदर्यीकरण किया गया है