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हजारों करोड़ के मुनाफे के बाद भी एचडीएफसी और आईसीआईसीआई बैंक ग्राहकों को लूटेगी

13933 करोड़ और 8478 करोड़ का मुनाफा कमा कर भी एचडीएफसी और आईसीआईसीआई बैंक आपके पैसे पर डाल रहे डाकाएचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक ने एक महीने में चार बार से अधिक पैसा जमा करने या निकासी पर चार्ज लेना शुरु कर दिया।

एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक ने एक महीने में चार बार से अधिक पैसा जमा करने या निकासी पर न्यूनतम 150 रुपए शुल्क लगाना बुधवार (1 मार्च) से शुरू किया है। एक्सिस बैंक ने भी इसी तरह का कदम उठाया है। पीटीआई की खबर के मुताबिक एचडीएफसी बैंक ने परिपत्र में कहा था कि यह शुल्क बचत के साथ-साथ वेतन खातों पर भी लगेगा। यह बुधवार, 1 मार्च से प्रभाव में आ गया है। परिपत्र के मुताबिक एचडीएफसी बैंक ने तीसरे पक्ष के लिए नकद लेनदेन की सीमा 25,000 रुपये प्रतिदिन तय की है। इसके अलावा नकद रखरखाव शुल्क वापस लिया जाएगा।

यहां घिर रहे हैं दोनों बैंक: लेकिन अगर इस कदम को आंकड़ों की नजर से देखें तो दोनों बैंक अपने ही फैसले में घिरते नजर आ रहे हैं। एफडीएफसी बैंक के पिछले 4 तिमाहियों के आंकड़ें देखें, तो साफ पता चलता है कि बैंक भारी मुनाफे में चल रहा है। मार्च 2016 में बैंक ने 3,374.22 करोड़ का मुनाफा कमाया था। जबकि जून 2016 की तिमाही में बैंक का मुनाफा 3238.91 करोड़ का मुनाफा था। सितंबर 2016 की तिमाही के आंकड़ों में बैंक का मुनाफा 3,455.33 करोड़ था। वहीं नोटबंदी के बाद जब दिसंबर 2016 के आंकड़े जारी हुए तब भी बैंक को 3,865.33 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था। अगर इन सभी को जोड़कर देखें तो एचडीएफसी बैंक अब तक 13,933.79 करोड़ रुपये का मुनाफा कमा चुका है।

वहीं बात ICICI बैंक की करें तो मार्च 2016 में उसे 701.89 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था। जून 2016 की तिमाही में 2,232.35 करोड़ का और सितंबर 2016 की तिमाही में 3,102.27 करोड़ का। नोटबंदी के बाद जब दिसंबर 2016 के आंकड़ों जारी हुए तो बैंक का मुनाफा 2,441.82 करोड़ था। अब इसे जोड़ें तो बैंक 8,478.33 करोड़ के मुनाफे में चल रहा है। अब सवाल उठता है कि अगर दोनों बैंक इतने मुनाफे में चल रहे हैं तो फिर भी ग्राहकों से उनका अपना पैसा ही निकालने के लिए और ज्यादा चार्ज क्यों वसूल रहे हैं।

बता दें कि आईसीआईसीआई बैंक की वेबसाइट के अनुसार मूल शाखा (जहां खाताधारका का खाता है) में एक-एक महीने में पहले चार लेन-देन के लिए कोई शुल्क नहीं लगेगा। उसके बाद प्रति 1,000 रुपये पर 5 रुपए का शुल्क लगाया जाएगा। यह समान महीने के लिये न्यूनतम 150 रुपए होगा। तीसरे पक्ष के मामले में सीमा 50,000 रुपए प्रतिदिन होगी।

साभार-इंडियन एक्सप्रेस से