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इन्दौर में संघ के वरिष्ठ पदाधिकारियों की पाँच दिवसीय बैठक शुरु

मध्यप्रदेश के इंदौर में राष्ट्रीय स्वयंसवेक संघ (आरएसएस) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी मंडल की बैठक गुरुवार से शुरू हो गई है। जिसमें संघ प्रमुख मोहन भागवत के अलावा 300 से ज्यादा पदाधिकारी शामिल होंगे। बैठक में पिछले साल की गतिविधियों की समीक्षा की जाएगी। साथ ही नए साल में संघ की क्या रणनीति होगी इसपर चर्चा होगी।

नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ देशभर में बने माहौल पर मंथन हो सकता है। बैठक में कानून को लेकर भ्रम की स्थिति दूर करने के लिए कार्ययोजना बनाई जा सकती है। इस बैठक में संघ प्रमुख मोहन भागवत के अलावा भैय्याजी जोशी सहित प्रांत प्रचारक, कार्यवाहक संघ चालक और अखिल भारतीय कार्यकारिणी के 300 से ज्यादा पदाधिकारी शामिल होंगे।

संघ के सूत्रों के अनुसार बैठक में ग्रामीण क्षेत्र में शाखाओं की संख्या बढ़ाने पर चर्चा होगी। मौजूदा राजनीतिक स्थितियों को देखते हुए संघ की बैठक को अहम माना जा रहा है। चूंकि इंदौर संघ के मालवा प्रांत का मुख्यालय है, इसलिए बैठक यहां हो रही है। सूत्रों के अनुसार, शुरुआती 3 दिन अखिल भारतीय कार्यकारिणी की बैठक होगी, जबकि एक दिन सभी 56 आनुषंगिक संगठनों के शीर्ष पदाधिकारी राष्ट्रीय नेतृत्व के साथ बैठेंगे। मध्यक्षेत्र की इकाई के विभाग प्रचारकों की बैठक का भी एक सत्र होगा। माना जा रहा है कि भागवत संघ के वरिष्ठ सदस्यों से व्यक्तिगत चर्चा करेंगे। बैठक में मध्यक्षेत्र की इकाई के विभाग प्रचारकों की बैठक का भी सत्र होगा।

कुछ वरिष्ठ भाजपा नेता आरएसएस की इस बैठक में शामिल हो सकते हैं। जो देश में चल रहे कई मुद्दों पर चर्चा कर सकते हैं। इसमें नागरिकता कानून मुख्य मुद्दा हो सकता है। भागवत प्रबुद्धजनों से भी संवाद करेंगे। ग्रामीण क्षेत्रों में शाखाओं का विस्तार करने पर चर्चा हो सकती है। वहीं हरियाणा, झारखंड सहित कई चुनावों में भाजपा का जनाधार घटा है। अब इस साल दिल्ली और बिहार में चुनाव हैं। इसे लेकर संघ चिंतित है और इसे यहां झारखंड जैसा हाल होने की चिंता है।

बैठक के अंतिम चरण में भाजपा के शीर्ष पदाधिकारी जेपी नड्डा, कैलाश विजयवर्गीय, बीएल संतोष, राम माधव, पी.मुरलीधर राव, अनिल जैन, डाॅ. विनय सहस्त्रबुद्धे, भूपेंद्र यादव, वी.सतीश, शिव प्रकाश, सौदान सिंह, थावरचंद गेहलोत, नरेंद्र सिंह तोमर, प्रहलाद पटेल, प्रकाश जावड़ेकर में से कुछ के आने की संभावना है।

संघ प्रमुख भागवत प्रबुद्धजनों से भी संवाद करेंगे। सीएए पर संघ के जागरुकता अभियान को लेकर लंबी चर्चा होगी। स्वयंसेवकों की भूमिका तय की जाएगी, ताकि सरकार संघ के एजेंडे पर काम करने में आ रही दिक्कतें दूर कर सके।

ग्रामीण क्षेत्रों में शाखाओं का विस्तार कैसे हाे, इस पर मंत्रणा होगी। दरअसल, गांवों में संघ का जनाधार मजबूत हो रहा है, इसलिए पार्टी वहां शाखाओं के विस्तार पर काम करेगी।
भाजपा का जनाधार हरियाणा, झारखंड समेत कई चुनावों में घटा है। अब दिल्ली, बिहार में चुनाव हैं। इसलिए संघ चिंतित है कि यहां भी झारखंड जैसा हाल न हो। प. बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले संघ खुद को मजबूत करना चाहता है।