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सियाचीन के सैनिकों के लिए इस दंपती ने बेच दिए अपने गहने

सियाचिन जैसे दुर्गम इलाके में जवानों को ऑक्सीजन की सुविधा मिल सके, इसके लिए पुणे के दंपती ने सराहनीय कदम उठाया है। दंपती ने अपने गहने बेचकर पैसे जुटाए। ताकि सियाचिन में 13 हजार फिट पर ऑक्सीजन प्लांट बन सके।

सियाचिन जैसे दुर्गम इलाके में जवानों को ऑक्सीजन की सुविधा मिल सके, इसके लिए पुणे के दंपती ने सराहनीय कदम उठाया है। दंपती ने अपने गहने बेचकर पैसे जुटाए। ताकि सियाचिन में 13 हजार फिट पर ऑक्सीजन प्लांट बन सके।उन्होंने सपने को पूरा करने के लिए सोने की चूड़ियों सहित अन्य गहने बेच डाले।

54 वर्षीय सुमेधा चिताडे एक स्कूल में शिक्षक हैं। उनके पति भारतीय वायुसेना से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के बाद कुछ वक्त के लिए स्टेट बैंक ऑफ मैसूर के लिए काम किए। रिटायरमेंट के बाद दंपती ने फैसला किया कि वे जल्द सियाचिन में ऑक्सीजन प्लांट लगाएंगे। ताकि दुनिया के सबसे कठिन मोर्चे पर मौजूद जवानों को सांस लेने में आसानी हो।

दंपती ने अपने सपने को साकार करने के लिए दो साल पहले एक ट्रस्ट बनाया। नाम है सोल्जर्स इंडिपेंडेंट रीहैबिलिटेशन फाउंडेशन (SIRF)। इसमें सुमेधा के अतिरिक्त पांच अन्य ट्रस्टी हैं। ट्रस्ट के जरिए मित्रों और रिश्तेदारों से आर्थिक मदद जुटाई जा रही है।सियाचिन के बेस में ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट पर सवा करोड़ रुपये खर्च आना है। इसके लिए दंपती ने अपने सवा लाख के गहने बेच दिए। ताकि और लोग भी प्रेरित हों। सुमेधा का कहना है कि उन्हें इस पुनीत काम के लिए अपना कोई भी प्रिय सामान बेचना पड़े तो मंजूर है। योगेश के मुताबिक, सियाचिन बेस में ऑक्सीजन प्लांट लगने से नौ हजार से ज्यादा जवानों को लाभ होगा।

यह दंपती 1999 से ही जवानों के कल्याण के लिए काम कर रहा है।

सुमेधा के मुताबिक 1999 मे सेना के जवानों के लिए काम करने के दौरान सियाचिन जैसे दुर्गम इलाके में सैनिकों की समस्याओं की जानकारी हुई। पता चला कि हड्डियां गला देने वाली ठंड में भी जवान देश की सरहद की हिफाजत के लिए 24 घंटे मुस्तैद रहते हैं। बता दें कि सर्दियों में सियाचिन में तापमान माइनस 30 से 60 डिग्री सेल्सियस तक नीचे गिर जाता है। 22 हजार फीट से ज्यादा की ऊंचाई पर स्थित सियाचिन दुनिया का सबसे ऊंचा युद्धक्षेत्र है। यहां जवानों को सबसे ज्यादा ऑक्सीजन की समस्या होती है। चिताडे दंपती हर वर्ष त्यौहारों पर सरहद पर तैनात जवानों को मिठाई भेजना नहीं भूलते।सेना से इतना लगाव है कि अपने इकलौते बेटे को भी सेना में भेजा। बेटा सेना में मेजर है।