जी 20 और भारत

जी 20 बीस देशों के बीच मुख्यतया आर्थिक सहयोग और समन्वय प्रदान करने का एक संगठन है।जी 20 यानी ग्रुप ऑफ ट्वेंटी देशों का समूह । ये 20 देश साल में एक बार एक सम्मेलन के लिए इकट्ठा होते हैं और दुनियाभर के आर्थिक मुद्दों के साथ-साथ जलवायु-परिवर्तन, सतत विकास, स्वास्थ्य, कृषि, ऊर्जा, भ्रष्टाचार-विरोध और पर्यावरण जैसे मुद्दों पर चर्चा करते हैं।

इस बार हमारे देश को इस ग्रुप की मेज़मानी और इसकी अध्यक्षता करने का अवसर मिला।यह सम्मेलन नौ और दस सितंबर 23 को भारत की राजधानी दिल्ली में आयोजित हुआ। इससे भारत को ग्रुप के सदस्य-देशों के साथ व्यापार-संबंधों को और मजबूत करने का अवसर मिला । विशेषज्ञों के अनुसार भविष्य की ग्लोबल इकोनॉमिक ग्रोथ और समृद्धि को हासिल करने में जी20 की एक रणनीतिक भूमिका रहती है। इसमें शामिल देशों से भारतीय इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में अच्छा-खासा इन्वेस्टमेंट आ सकता है, जिससे हमारी आर्थिक स्थिति में मजबूती की उम्मीद बनती है। G20 की अध्यक्षता करने से भारत को वैश्विक-मंच पर एक प्रमुख और महत्वपूर्ण सदस्य के रूप में देखा जा रहा है।

G20 में जो देश शामिल हैं, उनके नाम हैं: ऑस्ट्रेलिया, अर्जेंटीना, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका।बीसवां देश यूरोपीय संघ है।ग्रुप को और अधिक विस्तार देने और वैश्विक बनाने के लिए अफ्रीकन यूनियन को भी इस बार इस में सम्मिलित किया गया।

भारत के प्रधानमंत्री और वर्तमान सम्मेलन के अध्यक्ष नरेंद्र मोदी ने रविवार को जी-20 में हिस्सा ले रहे देशों के सुझावों, प्रस्तावों और विचारों पर चर्चा करने के लिए नवंबर से पहले एक वर्चुअल सेशन की पेशकश के साथ सम्मेलन के समापन का एलान कर दिया।उन्होंने ‘वन अर्थ,वन फैमिली,वन फ्यूचर’ के रोडमैप के सुखद होने की कामना के साथ सम्मेलन में हिस्सा ले रहे देशों को धन्यवाद दिया।इस दौरान प्रधानमंत्री ने संस्कृत का एक श्लोक भी कहा जिसका संबंध दुनिया में शांति और खुशी की कामना से है।

अमेरिका के राष्ट्रपति समेत दुनिया-भर से जुटे कई नेताओं ने भारत की अध्यक्षता की सराहना की। सम्मेलन में कुल तीन सत्र हुए। दो सत्र (वन अर्थ और वन फैमिली) शनिवार को और एक सत्र (वन फ्यूचर) का आयोजन रविवार को हुआ।पिछली बार इंडोनेशिया में हुए जी 20 की तुलना में इस बार की कार्य-सूची के अनुसार दोगुने से भी अधिक कार्य हुए ।

भारत में सम्पन्न हुए जी 20 के शिखर-सम्मेलन के फलस्वरूप विश्व के सामने भारत की जो तस्वीर पेश हुयी है, उसके दूरगामी और सकारात्मक परिणाम निकलेंगे। पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, भारतीयों के लिए रोजगार के नए अवसर, देश में ही नहीं विदेशों में भी बढ़ेंगे। विदेशी कम्पनियाँ यहाँ अपने नए उद्योग स्थापित करेंगी, नई तकनीक विकसित होगी आदि। इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास होगा। भारत में हुए इस सम्मेलन से विदेशों में बसे अथवा कार्यरत भारतीयों की प्रतिष्ठा में जो इजाफ़ा हुआ है, वह काबिले-तारीफ़ है।

(डॉ. शिबन कृष्ण रैणा)
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