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गंगा सप्तमी का पूजन 18 मई को

हिंदू पंचांग के अनुसार, वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी को मां गंगा की उत्पत्ति हुई थी और वे स्वर्ग लोक से भगवान शिव की जटाओं में पहुंची थीं. इसी लिए हर वर्ष इस तिथि को गंगा सप्तमी का पर्व मनाया जाता है. इस साल गंगा सप्तमी 18 मई 2021 दिन मंगलवार को मनाई जाएगी. इसके अलावा इसी तिथि को गंगा जयंती के रूप में भी मनाया जाता है. गंगा जयंती के दिन मां गंगा की विधि –विधान से पूजा की जाती है. इनके पूजन उपासक की आर्थिक समस्या दूर होती है.

इसके अलावा वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की सप्तमी को ही कर्मों का लेखा-जोखा रखने वाले भगवान चित्रगुप्त का जन्मोत्सव भी मनाया जाता है. इस तरह धार्मिक रूप से यह दिन काफी महत्वपूर्ण माना गया है. हिंदू धर्म में मां गंगा को पापनाशिनी और मोक्ष दायनी भी माना गया है. इस वजह से गंगा सप्तमी के दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व है.

गंगा सप्तमी का शुभ मुहूर्त:
गंगा सप्तमी तिथि 18 मई 2021 को दोपहर 12 बजकर 32 मिनट से शुरू होकर बुधवार, 19 मई 2021 को दोपहर 12 बजकर 50 मिनट तक रहेगी. उपासक इस बीच मां गंगा की उपासना कर सकते हैं.

हिंदू धर्म ग्रंथों के मुताबिक, इस दिन गंगा में डुबकी लगाने से जाने- अनजाने हुए पापों से मुक्ति मिलती है.
यदि आप आर्थिक संकट से जूझ रहें हैं तो गंगा सप्तमी के दिन सुबह या शाम को चांदी या स्टील के लोटे में गंगा जल भरकर उसमें बेलपत्र डाल कर नगें पैर घर से शिव मंदिर जाएं. वहां शिव लिंग पर जल डालकर बेलपत्र अर्पित करें. तथा मन ही मन आर्थिक संकट दूर होने की प्रार्थना करें.

गंगा सप्तमी पूजा- विधि

  • गंगा सप्तमी के पावन दिन गंगा नदी में स्नान करना चाहिए, लेकिन इस बार कोरोना महामारी की वजह से घर में रहकर ही नहाने के पानी में गंगा जल मिलाकर स्नान करें।
  • स्नान करते समय मां गंगा का ध्यान करें।
  • स्नान करने के बाद घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
  • सभी देवी- देवताओं का गंगा जल से अभिषेक करें।
  • मां गंगा का अधिक से अधिक ध्यान करें।
  • मां का ध्यान करते हुए पुष्प अर्पित करें।
  • इस पावन दिन घर के मंदिर में ही मां गंगा को भोग लगाएं। इस बात का ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है।
  • घर में ही मां गंगा की आरती करें।

    मंत्र-

इस पावन दिन ॐ नमो गंगायै विश्वरूपिण्यै नारायण्यै नमो नमः‘ मंत्र का जप करें।