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गूगल ने याद किया कन्नड़ कवि कुप्पाली वैंकटा को

गूगल ने एक बार अपने डूडल पर ऐसी हस्ती को जगही दी है, जिसने अपनी फील्ड में अपने हुनर का लोहा मनवाया. आज गूगल ने अपना डूडल कन्नड़ भाषा के कवि कुप्पाली वेंकटप्पा पुटप्पा को समर्पित किया है. आज उनका 113वीं जयंती है. गूगल ने Kuppali Venkatappa Puttappa’s 113th Birthday शीर्षक से अपना डूडल बनाया है. वे कुवेंपू के नाम से लिखते थे. उनका जन्म 29 दिसंबर, 1904 में मैसूर के कोप्पा तालुक में हुआ था. उन्होंने कन्नड़ भाषा में कविता, कहानियां, उपन्यास और आलोचना का सृजन किया. वे पहले कन्नड लेखक थे जिन्हें ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. यही नहीं, एक्टर-डायरेक्टर गिरीश कर्नाड उन पर फिल्म भी बना चुके हैं.

कुवेंपू को रामायण को नए सिरे से व्याख्यायित करने के लिए खास तौर से जाना जाता है. उन्होंने अपनी किताब ‘श्री रामायण दर्शनम’ में रामायण को आधुनिक नजरिये से पेश किया, जिसे काफी पसंद भी किया गया था. उन्हें 1988 में पद्मविभूषण से नवाजा गया था. उन्होंने कर्नाटक राज्य गीत जय भारत… की रचना की थी.

अगर उनकी रचनाओं पर फिल्मों की बात करें तो गिरीश कर्नाड ने कन्नड़ में उनपर एक फिल्म बनाई थी. गिरीश कर्नाड ने 1999 में ‘कनरू हेग्गाडिथी’ फिल्म बनाई थी जो कुवेंपू के नॉवेल ‘कनरू सुबम्मा हेग्गाडिथी’ पर आधारित थी. फिल्म की कहानी आजादी से पहले के एक परिवार की थी. इस फिल्म ने 2000 में कन्नड़ की बेस्ट फीचर फिल्म का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भी जीता था. दिलचस्प बात यह कै कि फिल्म रिलीज होने के बाद लोगों की इस उपन्यास में दिलचस्पी बढ़ गई थी, और इसकी 2000 प्रतियां रिप्रिंट की गई थीं.

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