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पाकिस्तान के हिंदू सांसद ने धर्म परिवर्तन के विरोध में बिल पेश किया

इस्लामाबाद। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी के एक हिंदू सांसद ने संसद में दो विधेयक पेश किए हैं। इसमें जबरन धर्मांतरण में शामिल लोगों की सजा में वृद्धि और बाल विवाह को संज्ञेय अपराध बनाने का प्रावधान करने को कहा गया है। उन्होंने यह विधेयक अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय की दो लड़कियों के कथित जबरन धर्मांतरण को लेकर राष्ट्रव्यापी आक्रोश के बीच पेश किया गया है। सत्तारूढ़ पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के सांसद डॉ. रमेश कुमार वंकवानी ने मंगलवार को बाल विवाह (निषेध) विधेयक 2019 और अपराध कानून (अल्पसंख्यकों का अधिकार) कानून 2019 पेश किए।

समाचार पत्र डॉन की खबर के अनुसार, दो हिंदू लड़कियों के अपहरण और उनका जबरन इस्लाम में धर्मांतरण की पृष्ठभूमि में ये विधेयक पेश किए गए हैं। विधेयकों के साथ एक प्रस्ताव भी पेश किया गया है, जिसका सभी प्रमुख राजनीतिक दलों के सांसदों ने समर्थन करते हुए ऐसी घटनाओं की निंदा की है।

वंकवानी पाकिस्तान हिंदू काउंसिल के प्रधान संरक्षक भी हैं। उन्होंने बाद में संवाददाताओं से कहा कि दुर्भाग्य से पाकिस्तान के सभी हिस्सों में, खासकर गरीबी से प्रभावित इलाकों में बाल विवाह की प्रथा आम है। बता दें कि पाकिस्तान में हिंदू सबसे बड़ा अल्पसंख्यक समुदाय है। पाकिस्तान में लगभग 75 लाख हिंदू रहते हैं, जिसमें से अधिकांश हिंदू आबादी सिंध प्रांत में रहती है। मीडिया में आई खबरों पर यकीन करें, तो सिंध प्रांत के उमरकोट जिले में हर महीने लगभग 25 जबरन शादियां होती हैं।

उधर, पाकिस्तान में एक शख्स ने दावा किया है कि सिंध प्रांत से जिस लड़की का अपहरण चार हथियारबंद लोगों ने किया था, उसने इस्लाम कबूल कर लिया है और उससे शादी कर ली है। उसने यह दावा प्रांतीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री हरि राम किशोर लाल के उस निर्देश के बाद किया है, जिसमें उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया था कि अपहरण के मामले की प्राथमिकी दर्ज की जाए और लड़की के परिवार को सुरक्षा दी जाए।

बता दें कि लड़की के पिता की शिकायत पर मंगलवार को प्राथमिकी दर्ज की गई थी। डॉन की खबर के मुताबिक उमरकोट जिले निवासी इस व्यक्ति ने पिता के उस दावे को भी खारिज किया है, जिसमें लड़की को नाबालिग बताया गया है। उसने कहा कि लड़की की उम्र 19 साल है। गौरतलब है कि यह घटना सिंध के घोटकी जिले में दो हिंदू नाबालिग लड़कियों का अपहरण कर उनका जबरन धर्मांतरण कराने को लेकर राष्ट्रव्यापी आक्रोश के बीच हुई है।