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कबाड़ से बना लिया आई फोन

ब्लॉग पर तरह-तरह की चीजें बनाने के टिप्स देने वाले डिवेलपर स्कॉटी ऐलन ने खुद ही आईफोन बना डाला जो काम भी करता है। ऐलन सिलिकन वैली में इंजिनियर हुआ करते थे मगर आजकल वह दुनिया घूमते हुए नई-नई चीजें बना रहे हैं। इन दिनों वह चीन से शेनजेन में हैं जहां पर उन्होंने बाजार से पुर्जे खरीदकर नया आईफोन बना दिया। ऐलन ने ये पार्ट्स हुआकिआंगबे के बाजारों से खरीदे। यहां पर आप दुकानों में जाकर किसी भी सेलफोन के पार्ट्स ले सकते हैं। ऐलन ने आईफोन को बनाने की पूरी प्रक्रिया का विडियो भी बनाया है।

ऐलन का कहना है कि एक दिन वह चीन में टेक्नॉलजी पसंद करने वाले कुछ लोगों के साथ बैठे हुए थे। इसी बीच किसी ने कहा कि तुम अपना फोन बना सकते हो या नहीं। यहीं से उन्होंने खुद आईफोन बनाने की ठान ली। जब उन्होंने इस अभियान की शुरुआत की तो चिंता सता रही थी कि पुर्जे मिलेंगे भी या नहीं। मगर कुछ मुश्किलों के बाद आखिरकार उन्हें पूरी तरह से काम करने वाला आईफोन बनाने में सफलता मिल गई।

ऐलन ने आईफोन 7 बनाने के बजाय आईफोन 6S बनाया। ऐसा इसलिए क्योंकि उनके पास पहले से ही एक आईफोन 6S है इसलिए उन्हें कंपैरिजन करने में आसानी हो गई।साथ ही आईफोन 7 के पार्ट्स अभी मार्केट में उपलब्ध नहीं थे। ऐलन का मानना है कि शायद ऐसा इसलिए है क्योंकि आईफोन 7 सितंबर 2016 में ही लॉन्च हुआ है और अभी रीसाइकल्ड और टूटे हुए फोन इस मार्केट में नहीं पहुंचे हैं।

आईफोन बनाने के लिए ऐलन ने 4 बेसिक पार्ट्स इस्तेमाल किए- स्क्रीन, शेल, बैटरी और लॉजिक बोर्ड। ऐलन ने कहा कि आईफोन के पार्ट्सस 300 डॉलर्स में आ गए जबकि आईफोन 6s का दाम 549 डॉलर्स से शुरू होता है। ऐलन ने टूटी हुई स्क्रीन ली और इसे नए पार्ट्स के साथ असेंबल कर दिया। वह अपने लॉजिक बोल्ड को सोल्डर नहीं कर पाए, इसलिए उन्होंने कंप्लीट बोर्ड खरीदा। उन्होंने कहा कि बैटरी सिर्फ 5 डॉलर्स में मिल गई। ऐपल के लोगो वाला रेड कलर का बैक पैनल भी खरीदा और फोन तैयार हो गया। ऐलन का कहना है कि जिसके अंदर धैर्य हो वह भी इस विडियो को देखकर आईफोन बना सकता है।

ऐलन ने विडियो में कहा है, ‘मैंने कभी इस बारे में विचार नहीं किया था कि पुराने फोनों का क्या किया जाता है। अब पता चला कि ज्यादातर फोन यहां आते हैं और उनके पार्ट्स को अलग-अलग कर दिया जाता है। फिर इन पार्ट्स को उन फोनों में लगाया जा सकता है, जिनके ऑरिजनल पार्ट्स खराब हो गए हों।

साभार- टाईम्स ऑफ इंडिया से