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काईयाँ-पुलिस संवाद

लीजिए पढ़िए एकदम सटीक विश्लेषण
पुलिस – आपने कैम्प्स में देश विरोधी नारे क्यों लगाये? क्या मिला देश से गद्दारी कर के….
काईयाँ- क्या करता मैं गरीब घर से हूँ … छात्र संघ का नेता होते हुए भी मरा कुत्ता भी नहीं पूछता था मुझे..
जब से देश से गद्दारी करनी शुरू की मैंने तब से NDTV ABP और आज तक ने मुझे हीरो बना दिया ????????
राहुल जैसे राज कुमार मुझसे मिलने आये
जिस केजरीवाल को मेरा नाम नहीं पता था, आज मेरे समर्थन में आ गए
अब किसी ना किसी पार्टी का टिकट मिल जायेगा मुझे|
टिकट ना भी मिला तो भी बिग बॉस वगैरह जैसे सीरियल में काम मिल जाएगा मुझे
दिग्विजय सिंह की तरह ठाठ की ज़िन्दगी जियूँगा जी मैं
पुलिस -लेकिन जिस देश का खाया उसी देश से गद्दारी क्यों की?
काईयाँ-अरे भाई देश की जनता भी तो बेवकूफ है। जो दस लोग सियाचीन में इस जनता के लिए शहीद हो गए उनमें से दो का नाम भी नहीं बता सकती है ये जनता ??
लेकिन मैंने गद्दारी की तो मेरा तो नाम विख्यात हो गया|
पुलिस – लेकिन गद्दारों में नाम लिखवा कर तुम्हे क्या मिला?
काईयाँ- जो देश भक्ति में शहीद हो गए, उन्हें भी क्या मिला? गद्दारी कर के मेरा तो करियर बन गया जी।