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डेढ़ लाख अभिभावकों की उपस्थिति में कीस ने मनाया भव्य अभिभावक सम्मेलन

भुवनेश्वर। ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर स्थित विश्व के सबसे बडे आदिवासी आवासीय विद्यालय कलिंग इंस्टीट्यूट ऑफ सोसल साइंसेज (कीस) ने रविवार को लगभग डेढ़ लाख अभिभावकों की उपस्थिति में अपना मेगा अभिभावक सम्मेलनः2023 कीट-कीस के संस्थापक महान शिक्षाविद तथा कंधमाल लोकसभा सांसद प्रो.अच्युत सामंत के कुशल नेतृत्व में हर्षोल्लास के साथ मनाया।
 
गौरतलब है कि कीस में भारत के लगभग 15 राज्यों के कुल लगभग 40 हजार आदिवासी बच्चे संस्थापक प्रो.अच्युत सामंत के सहयोग से केजी से पीजी तक समस्त आवासीय सुविधाओं को निःशुल्क उपभोग करते हुए फ्री में उत्कृष्ट शिक्षा प्राप्त करते हैं। मेगा अभिभावक सम्मेलन में आगत सभी अभिभावकों का स्वागत और आभार व्यक्त करते हुए प्रो.अच्युत सामंत ने बताया कि यह खुशी की बात है कि पिछले दिनों जिसप्रकार से भारतीय संसद में कीस की अच्छाइयों,आदिवासी सशक्तिकरण में कीस की अहम् भूमिका की चर्चा सासंदों द्वारा पार्टी लाइन से ऊपर उठकर हुई वह काबिलेतारीफ चर्चा रही जिससे कीस-परिवार पूरी तरह से गौरवान्वित है।
प्रो.सामंत ने कीस की विश्व स्तरीय रग्बी टीम की प्रशंसा करते हुए यह बताया कि ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक जी ने भी कीस रग्बी टीम के पदक विजेताओं को पुरस्कृत किया तथा उनको नौकरी देकर उनका उत्साहवर्द्धन किया उसके लिए ने मुख्यमंत्री जी के प्रति आभारी हैं। 1992-93 में प्रो अच्युत सामंत ने अपनी कुल जमा पूंजी मात्र पांच हजार रुपये से कीट-कीस की शुरुआत एक किराये के मकान से की थी वे दोनों शैक्षिक संस्थाएं कीट और कीस दो डीम्ड विश्वविद्यालय बन चुकीं हैं जिसे विश्व का आधुनिक तीर्थस्थल कहा जाता है, शांति निकेतन कहा जाता है और जहां पर सच्चे देशभक्त, चरित्रवान तथा जिम्मेदार नागरिक तैयार किये जाते हैं।
सम्मानित अतिथि राज्यसभा सांसद निरंजन बीशी ने भी सम्मेलन को संबोधित किया तथा प्रो अच्युत सामंत को ओडिशा गौरव बताते हुए उनके द्वारा स्थापित कीट-कीस जैसे अथक प्रयासों की भी खूब सराहना की।अवसर पर कीस के सचिव आरएन दाश ने प्रो सामंत के जीवन को एक विदेह जीवन बताया जिसके बदौलत कीट-कीस की मान-मर्यादा पूरे विश्व में व्याप्त है।कीस के उपाध्यक्ष उमापद बोस ने अपने संबोधन में प्रो सामंत को लाखों आदिवासी युवा-युवतियों का निर्माणकर्ता बताया। अवसर पर कीस डीम्ड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो दीपक कुमार बेहरा तथा कीस के कुलसचिव डॉ पीके राउतराय आदि उपस्थित थे।