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दिल्ली में जैन विद्या सर्टिफिकेट कोर्स का शुभारम्भ

नई दिल्ली। श्री लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विद्यापीठ,(मानित विश्वविद्यालय),नई दिल्ली में जैन दर्शन विषय के अंतर्गत जैन विद्या के सर्टिफिकेट कोर्स का उद्घाटन माननीय कुलपति प्रो.रमेश कुमार पाण्डेय जी के कर कमलों से संपन्न हुआ| कुलपति जी ने इस अवसर पर अपने उद्बोधन में कहा कि विद्यापीठ की स्थापना में जैन समाज का बहुत योगदान रहा है | संस्थापक कुलपति डॉ मंडन मिश्र जी ने दरियागंज स्थित समन्तभद्र महाविद्यालय में इसे प्रारंभ किया था और उस समय १९६२ में साहू शांति प्रसाद जी ने विद्यापीठ के सञ्चालन के लिए ५१०००/- रूपए की धनराशि प्रदान की थी | जैन विद्या के सर्टिफिकेट डिप्लोमा कोर्स के प्रारंभ होने से दिल्ली की समाज के लोग अपने ज्ञान का विकास कर सकेंगे |

पाठ्यक्रम के संयोजक तथा जैन दर्शन के अध्यक्ष डॉ अनेकांत कुमार जैन ने सभा का सञ्चालन करते हुए कहा कि इस पाठ्यक्रम की निर्धारित सीटें पूरी हो चुकी हैं तथा प्रवेश हेतु अनेक आवेदन अभी भी प्राप्त हो रहे हैं ,इस निवेदन पर कुलपति जी ने सीटों की संख्या दोगुनी करने की भी घोषणा की | स्वागत भाषण करते हुए विभाग के वरिष्ठ आचार्य प्रो.वीरसागर जैन जी ने कहा कि कुलपति जी की प्रेरणा से ही यह यह बहु प्रतीक्षित कोर्स प्रारंभ हो सका है | उन्होंने जैन विद्या के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आज जैन विद्या की पूरे विश्व को आवश्यकता है ,विदेशों में अनेक विश्वविद्यालयों में जैन विद्या के विभाग खुल रहे हैं अतः आप सभी गंभीरता से इसका अध्ययन करें |

वेदांत विभाग के अध्यक्ष प्रो.केदारप्रसाद परोहा जी ने कहा कि यह कोर्स आप सबके लिए एक वरदान है ,यहाँ विश्व में ख्याति प्राप्त विद्वानों से आपको ज्ञान प्राप्त होगा | विभागाध्यक्ष प्रो.हरेराम त्रिपाठी जी ने जैनदर्शन की विशेषताओं पर प्रकाश डालते हुए सभी को अधिक से अधिक संख्या में अध्ययन करने हेतु प्रेरित किया | दर्शन संकाय प्रमुख प्रो.महेश प्रसाद सिलोडी जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि यह शाश्वत विद्या है ,जैन मुनि आज के इस विषम काल में भी त्याग और तपस्या की अद्भुत मिसाल पेश करते हैं | उन्होंने जैन योग की विशेषताओं पर प्रकाश डालते हुए कोर्स कि सफलता के प्रति शुभकामनायें दीं | अंत में डॉ कुलदीप ने सभी का आभार ज्ञापन किया |सभी विद्यार्थिओं को कोर्स में अध्ययन हेतु संस्कृति संरक्षण संस्थान ,दिल्ली की तरफ से पण्डित कैलाशचंद शास्त्री जी की पुस्तक ‘जैन धर्म’ तथा डॉ अनेकांत की पुस्तक ‘जैन धर्म : एक झलक’ भी प्रदान की गयी |

प्रेषक – डॉ अनेकांत कुमार जैन (संपर्क ९७११३९७७१६)पाठ्यक्रम संयोजक
Dr ANEKANT KUMAR JAIN
(Awarded by President of India)
Associate Professor & Head- Deptt.of Jainphilosophy
Sri Lalbahadur Shastri Rashtriya Sanskrit Vidyapeeth
Deemed University Under Ministry of HRD,Govt.of India
Qutab Institutional Area, New Delhi-110016