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जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर 2622वां जन्मकल्याणक महोत्सव धूमधाम से मनाया ग

भुवनेश्वर ।  3 अप्रैल को स्थानीय तेरापंथभवन में जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर का 2622वां जन्मकल्याणक महोत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया गया जिसका आयोजन जैन समाज,भुवनेश्वर, भुवनेश्वर तेरापंथ समाज तथा भुवनेश्वर महिलामण्डल ने किया था।कार्यक्रम के आरंभ में सभी आगत लोगों ने नमस्कार महामंत्र का उच्चारण किया। स्वागत की औपचारिकता बछराज बेताला ने निभाई। उन्होंने अपने संबोधन में  सभी का स्वागत करते हुए मानसिक हिंसा से बचने की सलाह दी।अपने संबोधन में मनसुखलाल सेठिया,अध्यक्ष,श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथी महासभा ने भगवान महावीर के मुख्य संदेशों जैसेः अहिंसा, अपरिग्रह, अनेकांत आदि को जीवनमंत्र के रुप में अपनाने का संदेश दिया।

उन्होंने कहा कि मैं जो बोल रहा हूं वही सत्य है- इससे हमको बाहर निकलना होगा। हमको दूसरों को भी सुनना होगा।गौरतलब है कि  लगभग 26सौ वर्ष पूर्व भगवान महावीर का अवतरण भारत की धरा-धाम पर हुआ था और वे जैनधर्म के प्रवर्तक हैं।अपने संबोधन में नवरतन बोथडा ने घर,परिवार में बच्चों को जैन संस्कार लाने की अपील की। महेश सेठिया ने कर्मनिष्ठ तथा धर्मनिष्ठ बनने की बात बताई।अवसर पर भारतीय पुलिस सेवा के वरिष्ठ अधिकारी अरुण बोथडा ने भगवान महावीर के जीवन दर्शन को वास्तविक जीवन बनाने की अपील की।
उन्होंने जैन धर्म और बौद्ध धर्म दोनो को समान बताते हुए तथा दोनों में काफी समानताएं बताते हुए आपस में प्रेम से रहने की भी अपील की। गुलाबचंद बोथरा तथा दीपचंद कोचर आदि ने भी अपने-अपने विचार प्रस्तुत किए। अवसर पर भुवनेश्वर महिलामण्डल तथा ज्ञानशाला के बच्चों द्वारा भगवान महावीर के जीवन-दर्शन पर आधारित अनेक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। अवसर पर भुवनेश्वर फ्रेंड्स ऑफ ट्राइबल्स सोसायटी के अध्यक्ष अजय अग्रवाल,महेश्वरी समाज के लालचंद मोहता, घनश्याम पेरिवाल ,प्रकाश बेताला प्रकाश भुरा, मनोज लालानी मेघराज कातेला सुभाष भुरा, रोनक दुगड़,वीरेंद्र बेताला आदि उपस्थित थे। जितेंद्र बैद्य ने कार्यक्रम का संचालन किया तथा धन्यवाद दिया  वीरेन्द्र बेताला ने।