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महाकाल कोरिडोरः धर्म, अध्यात्म, कला और संस्कृति का जीवंत प्रतीक

मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित महाकाल मंदिर (Ujjain Mahakal Corridor) का कॉरिडोर लगभग तैयार हो चुका है. महाकाल कॉरिडोर की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर खासे वायरल हो रहे हैं, जिनमें महाकाल कॉरिडोर की भव्यता कमाल की लग रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 अक्टूबर को महाकाल कॉरिडोर का लोकार्पण करेंगे. महाकाल कॉरिडोर की भव्यता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इसके विकास पर सरकार करीब 800 करोड़ रुपए खर्च कर रही है.

महाकाल कॉरिडोर में देश का पहला नाइट गार्डन भी बनाया गया है. यहां भगवान शिव, शक्ति और अन्य धार्मिक घटनाओं से जुड़ी करीब 200 मूर्तियां स्थापित की गई हैं. यहां श्रद्धालु भगवान शिव से जुड़ीं कथाओं के बारे में जान सकेंगे. यहां सप्त ऋषि, नवग्रह मंडल, त्रिपुरासुर वध, कमल ताल में भगवान शिव की मूर्ति, शिव तांडव की विभिन्न भाग-भंगिमाओं की प्रतिमाएं और नंदी की विशाल प्रतिमा यहां दिखाई देंगी. मूर्तियों में क्यूआर कोड स्कैन करके उनके बारे में जान सकेंगे.

महाकाल कॉरिडोर के पहले चरण के तहत महाकाल पथ, महाकाल वाटिका, रुद्रसागर तालाब के किनारे का डेवलेपमेंट किया गया है. यहां श्रद्धालु भगवान महाकाल के दर्शन के अलावा धार्मिक पर्यटन भी कर सकेंगे. कॉरिडोर में घूमने, फिरने और आराम करने की सुविधाएं मिलेंगी.

महाकाल मंदिर कॉरिडोर के विकास में 793 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं. इनमें से 421 करोड़ मध्य प्रदेश सरकार और 271 करोड़ रुपए केंद्र सरकार ने दिए हैं. जिसके बाद मंदिर का एरिया 2 हेक्टेयर से बढ़कर 20 हेक्टेयर हो गया है.

महाकाल पथ से सटे ऐतिहासिक रुद्रसागर तालाब की साफ-सफाई कर इसे विकसित किया गया है. साथ ही रुद्रसागर तालाब में गिरने वाली गंदगी को रोक दिया गया है.

महाकाल मंदिर कारिडोर में 18 हजार बड़े पौधे लगाए जा रहे हैं। आंध्रप्रदेश के राजमुंद्री से रूद्राक्ष, बिल्व पत्र और शमी के पौधे मंगाए हैं। त्रिवेणी संग्रहालय के पीछे 920 मीटर लंबा महाकाल कॉरिडोर, दो भव्य प्रवेश द्वार, कमल तालाब, सप्त ऋषि वन, नवग्रह वाटिका, महाकाल प्लाजा, रुद्रसागर समुद्र तट सौंदर्यीकरण, प्रसाद, टिकट काउंटर, नूतन विद्यालय परिसर, गणेश विद्यालय परिसर का निर्माण पूरा हो गया है। गलियारे में 25 फीट ऊंची और 500 मीटर लंबी लाल पत्थर की दीवार में शिव महापुराण में वर्णित घटनाओं के आधार पर भित्तिचित्र हैं। वहीं 108 स्तंभ स्थापित किए गए हैं, जिन पर भगवान शिव की विभिन्न मुद्राएं बनी हुई हैं। ई-रिक्शा और अन्य वाहनों का रूट भी तैयार है। बड़े रुद्र सागर से गाद निकालकर, किनारों को पत्थरों से गाड़कर गंभीर-शिप्रा का साफ पानी भर दिया गया है। साथ ही रुद्रसागर में सीवरेज का पानी उपलब्ध न हो इसके लिए भी स्थायी व्यवस्था की गई है, त्रिवेणी संग्रहालय के सामने सरफेस पार्किंग बनाई गई है।

11 अक्टूबर को जब पीएम मोदी कॉरिडोर का लोकार्पण करेंगे, उस वक्त उज्जैन में देव दीपावली जैसा माहौल होगा. लोकार्पण के दौरान उज्जैन के करीब 5 लाख घरों में प्रसाद के साथ पुस्तिका भी पहुंचाई जाएगी और लेजर शो और आतिशबाजी होगी. महाकाल कॉरिडोर के विकास के लिए 152 भवनों का अधिग्रहण किया गया और मंदिर को क्षिप्रा नदी से जोड़ा गया है.