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मांसाहार और ज़हर का दूसरा नाम है मैगी

नूडल्स खाने वाला हर 10 में से 8 इंसान मैगी खरीदता है। देश का 5वां सबसे भरोसेमंद ब्रांड मैगी है। पिछले दिनों लखनऊ में इसी मैगी के 12 अलग-अलग सैम्पल लेकर केंद्र सरकार की कोलकाता स्थित लैब में टेस्ट कराया गया। रिपोर्ट चौंकाने वाली आई(देखें रिपोर्ट) और मैगी के दावे झूठे निकले। इतना ही नहीं, मैगी पर बैन लगने तक की बात भी उठने लगी।
ये है मामला:
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक उत्‍तर प्रदेश एफडीए ने कहा है कि नियमित जांच के दौरान नेस्‍ले द्वारा भारत में निर्मित मैगी नूडल्‍स के दो दर्जन पैकेट में लेड की मात्रा खतरनाक स्‍तर पर पाई गई है। इन पैकेट की जांच सरकारी लैब में की गई थी। मैगी के इन पैकेट में लेड की मात्रा 17.2 पार्ट्स प्रति मिलियन (पीपीएम) पाई गई है, यह स्‍वीकार्य सीमा से लगभग सात गुना ज्‍यादा है। एफडीए के डिप्‍टी इंस्‍पेक्‍टर जनरल डीजी श्रीवास्‍तव के मुताबिक मैगी नूडल्‍स में लेड और मोनोसोडियम ग्‍लूटामैट (एमएसजी) की मात्रा खतरनाक स्‍तर पर पाई गई है। लेड की स्‍वीकार्य योग्‍य सीमा 0.01 पीपीएम से 2.5 पीपीएम के बीच है।
ये कह रही है मैगी बनाने वाली कंपनी
मामले को लेकर dainikbhaskar.com ने मैगी बनाने वाली कंपनी नेस्ले इंडिया के कॉरपोरेट कम्युनिकेशन हेड हिमांशु मांगलिक से बात की। मांगलिक ने बताया, "कंपनी को मैगी नूडल्स के लैब टेस्ट रिपोर्ट में MSG और ज्यादा लेड होने की जानकारी मिली है। इसको लेकर कंपनी खुद आश्चर्यचकित है। साथ ही कंपनी ने ऑफिशियल स्टेटमेंट जारी कर इस मामले पर अपना पक्ष रखा है। हमनें करीब 600 से ज्यादा सैम्पल्स लेकर स्वतंत्र जांच के लिए मान्यता प्राप्त लैब में भेजा है। रिपोर्ट आते ही सरकार से और दैनिक भास्कर से शेयर की जाएगी। उसी आधार पर आगे की स्ट्रैटजी बनाई जाएगी।"
इन सबके बीच dainikbhaskar.com मैगी के उन झूठे दावे की पोल खोल रहा है, जो मैगी के पैकेट में लिखा हुआ है। साथ ही मैगी मसाला में पड़े जहरनुमा फ्लेवर एनहांसर और मांस की मौजूदगी की सच्चाई के बारे में बताने जा रहा है।
आगे की स्लाइड्स में एक-एक कर जानें कैसे पकड़ा गया मैगी का एक के बाद एक झूठ। साथ ही, जानें मैगी के मसाले में मांस होने, बंदूक की गोली बनाने में इस्तेमाल होने वाले लेड के मिले होने और E635 का सच। इसके अलावा पढ़ें मैगी के पैकेट पर लिखा मैगी बनाने का तरीका क्यों है गलत। क्या है सही और हेल्दी तरीका।
मैगी पर बैन लगेगा या नहीं?… ये तो बाद की बात है। लेकिन इस खबर को पढ़ आप खुद तय कर सकते हैं कि आगे आपको मैगी खाना चाहिए या नहीं…।
कंटेंट सोर्स: फेमस शेफ और फूड एक्सपर्ट संजीव कपूर, मैगी बनाने वाली कंपनी नेस्ले इंडिया के कॉरपोरेट कम्युनिकेशन हेड हिमांशु मांगलिक, फूडी फिजिशियन डॉ सोनाली, फूड सेफ्टी और स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया के साइंटिस्ट और इंटरनेट रिसर्च।

साभार- दैनिक भास्कर से