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एक फोन काल ने महिला को आठ करोड़ की चपत लगाई

झुंझुनूं। झुंझुनूं के पिलानी में फर्जी ईडी और मुंबई क्राइम ब्रांच के नाम पर बड़ी ठगी की वारदात हुई है। एक संस्थान में कार्यरत 57 वर्षीय महिला से तीन महीने में ठगों ने 7 करोड़ 67 लाख रुपये ठग लिए। अब यह मामला साइबर थाना झुंझुनूं में दर्ज हुआ है। महिला ने रिपोर्ट दर्ज करवाई है कि अक्टूबर 2023 में उसके पास एक कॉल आया। कॉलर ने बताया कि महिला के आधार कार्ड से एक और नंबर चालू है। उस नंबर से अवैधानिक विज्ञापन और उत्पीड़न के मैसेज किए जा रहे हैं, इसलिए आपके खिलाफ आईपीसी की धाराओं में मुंबई पुलिस कार्रवाई करेगी।

इसके बाद महिला के पास एक मुंबई पुलिस क्राइम ब्रांच के नाम से कॉल आया। एक व्यक्ति ने खुद को मुंबई पुलिस का एसआई बताते हुए स्काइप के जरिये ऑनलाइन मीटिंग के लिए कहा। इसके बाद उस युवक ने कहा कि ‘इस महिला की मुश्किलें बढ गई हैं क्योंकि एक मनी लॉन्ड्रिंग केस में 20 लाख का लेन-देन में नाम आ गया है। मामला अब ईडी के पास पहुंच गया है।’ ठगों ने अलग-अलग तरीके से डराकर अक्टूबर 2023 से 31 जनवरी 2024 तक महिला के पास से 7 करोड़ 67 लाख रुपये अपने खातों में डलवा लिए।

डरी-सहमी महिला लगातार पैसे डालती रही। यही नहीं, उसे अपनी गिरफ्तारी का इतना डर हो गया कि न केवल जीवनभर के पैसे ठगों को दे दिए, बल्कि बैंकों से लोन लेकर भी 80 लाख रुपये ठगों को ही दे दिए। ठग उसे मनी लॉन्ड्रिंग का केस सुप्रीम कोर्ट में हल होने और डिजिटल वेरिफिकेशन होने के बाद पैसा वापस लौटाने की बात भी कहते रहे। कुल 42 ट्रांजेक्शन हुए।

ठगों की ओर से पैसा वापस लौटाने की अंतिम तारीख 12 फरवरी 2024 दी गई, लेकिन 15 फरवरी तक आरोपियों से कोई संपर्क नहीं हुआ तो महिला एकदम डर गई। तब जाकर उसने आपबीती अपने साथियों को बताई। झुंझुनूं साइबर थाना प्रभारी डीएसपी हरिराम सोनी ने बताया कि पुलिस ने मामला दर्ज जांच शुरू कर दी है। इस मामले में मुंबई निवासी संदीप राव, आकाश कुलहरि और एक अन्य के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दी गई है। मुकदमा दर्ज करवाने के बाद महिला न तो किसी से बात कर रही है और न ही किसी के सामने आ रही है।