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मोदीजी ने किसानों को निराश किया

आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूपी चुनाव से ठीक पहले लखनऊ के रमाबाई मैदान से लाखों की संख्या में मौजूद लोगों को संबोधित किया । लेकिन आज की रैली में एक बार फिर बदहाली और कर्ज से जूझ रहे किसानों खासकर बुन्देलखण्ड के किसानों को मायूसी ही हाथ लगी । जानकारों के मुताबिक ये गलती मोदी सरकार को आने वाले चुनावों में भारी पड़ सकती है । आज की रैली में पीएम मोदी ने विरोधियों पर जमकर हमला बोला ।

आज रैली की सबसे खास बात ये रही कि पीएम मोदी को सुनने के लिए लखनऊ में लाखों की संख्या में भारी भीड उमड़ी । रैली को संबोधित करने मंच पर पहुंचे पीएम मोदी ने कहा कि मेरे पूरे जीवन में इतनी बड़ी रैली को संबोधित करने का मुझे सौभाग्य नहीं मिला था. लोकसभा चुनाव लड़ा था तब भी इतनी विराट जनसभा को देखने का सौभाग्य मुझे नहीं मिला था। पीएम मोदी ने कहा कि भ्रष्टाचार और कालेधन के खिलाफ ये लड़ाई रूकने वाली नहीं है । गरीबों को लूटा गया है और उन्हें लौटाने के लिए हमने ये कदम उठाया है । अब हमें यूपी से आशीर्वाद चाहिए और दलों के लिए ये सत्ता हथियाने का प्रयास होगा, और दलों के लिए कौन एमएलए बने, कौन सीएम बने इसका खेल होगा. लेकिन बीजेपी के लिए ये चुनाव सिर्फ हार जीत का मसला नहीं है, बीजेपी के लिए ये 2017 का यूपी चुनाव एक जिम्मेवारी का काम है।

उन्होंने कहा कि अब उत्तर प्रदेश की जनता को बताना है कि जो पार्टी पूरा परिवार में लगी है वो प्रदेश को बचा पाएगी क्या. किसी को पैसा बचाना है तो किसी को परिवार, एक हम ही हैं जो यूपी को बचाना चाहते हैं. मैं ये कहने आया हूं कि परिवर्तन आधा-अधूरा मत करना, पूर्ण बहुमत से सरकार बनाना /

पीएम मोदी ने विपक्षियों पर हमला बोलते हुए कहा कि कभी सपा-बसपा को साथ देखा है? दोनों में खूब विरोध है लेकिन अब इतने सालों बाद एक मुद्दे पर दोनों इकट्ठे हो गए. दोनों मिलकर कह रहे हैं कि मोदी को बदलो, मोदी को हटाओ. वो कहते हैं मोदी हटाओ, मैं कहता हूं कालाधन हटाओ, वो कहते हैं मोदी हटाओ, मैं कहता हूं भ्रष्टाचार हटाओ. निर्णय आपको करना है कि क्या करना है।

उन्होंने कहा कि जब से केंद्र सरकार बनी है तब से यूपी में एक लाख करोड़ रूपया खर्च करने के लिए मिला है. ढ़ाई साल में ढाई लाख करोड़ रूपया यूपी को मिला है. अगर उन पैसों का सही उपयोग हुआ होता तो यूपी कहां से कहां पहुंच गया होता।

आज 14 साल बाद भी बीजेपी की सरकार को याद करते हैं और वर्तमान सरकार के साथ तुलना करते हैं. आज युग ऐसा है कि सरकार बदलने के 6 महीने में पुरानी सरकार को लोग भूल जाते हैं. आज बड़े गर्व के साथ कह सकता हूं कि कल्याण सिंहजी, रामप्रकाश गुप्तजी और राजनाथजी के नेतृत्व में चली सरकारों को लोग आज भी याद करते हैं जो यूपी चुनाव का हिसाब किताब लगा रहे हैं उन्हें ये रैली देखने के बाद ये मेहनत नहीं करनी पड़ेगी कि चुनाव में क्या होने वाला है. हवा का रूख साफ नजर आ रहा है ।

इस रैली को देखने के बाद विपक्षियों में तो जरूर खलबली मची होगी लेकिन आज की रैली में भाजपा ने अपना दम तो जरूर दिखा दिया लेकिन पीयम मोदी कहीं न कहीं चूक गए क्योंकि नोटबन्दी के बाद एक ख़ास वर्ग जिसमे किसान और मजदूर शामिल हैं उन्हें लगातार मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है । ऐसे में किसानों को आशा थी कि आज की रैली में पीएम मोदी कर्जमाफी की घोषणा करेंगे लेकिन ऐसा नही हुआ ।