मानसून से निपटने के लिए पश्चिम रेलवे पूरी तरह से तैयार

भारतीय रेल में पहली बार कवर किये हुए नालों और कल्वर्टों के सर्वेक्षण और निगरानी के लिए फ्लोटर कैमरों का उपयोग किया जा रहा है

मुंबई। पश्चिम रेलवे ने मानसून से पहले की विभिन्न तैयारियों के लिए मिशन मोड पर काम शुरू किया है, साथ ही मैकेनिकल, सिग्नलिंग, इलेक्ट्रिकल संपत्तियों और उपकरणों आदि का उचित रख-रखाव भी किया जा रहा है। पश्चिम रेलवे ने सुनिश्चित किया है कि सभी कार्य निर्धारित लक्ष्य के भीतर पूरे कर लिए गए हैं। इससे आगामी मानसून के दौरान सुचारू और व्यवधान मुक्त ट्रेन सेवाएं सुनिश्चित हो सकेंगी।

पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी श्री विनीत अभिषेक द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार आगामी मानसून के दौरान निर्बाध सेवाएं सुनिश्चित करने के लिए, विभिन्न मानसून तैयारी संबंधी कार्यों के लक्ष्यों का सावधानीपूर्वक पालन किया गया और पश्चिम रेलवे ने इन कार्यों को समय से पहले पूरा कर लिया‌ है। पुलियों, नालों और ड्रेनों की सफाई और गाद निकालना, पटरियों के किनारे की गंदगी और कचरा साफ करना, अतिरिक्त जलमार्गों का निर्माण, उच्च शक्ति वाले पंपों की स्थापना, पेड़ों की छंटाई आदि जैसे कार्य मिशन मोड पर पूरे किए गए हैं। इस वर्ष, पश्चिम रेलवे ने उन पुलियों और पुलों की तस्वीर लेने के लिए रिमोट ऑपरेटेड फ्लोटर कैमरे तैनात किए हैं, जिन तक मैन्युअल रूप से पहुंचना संभव नहीं है। भारतीय रेल में ऐसा पहली बार किया जा रहा है। इन रिमोट ऑपरेटेड कैमरों में इनबिल्ट लाइटिंग सिस्टम है जो अंधेरे में भी भूमिगत पुलियों की स्पष्ट तस्वीरें प्राप्त करने में मदद करता है। उन तस्वींरों की मदद से पुलियों की सफाई की जा रही है।

आगे जानकारी देते हुए, श्री अभिषेक ने कहा कि पश्चिम रेलवे ने 495 पुलियों की सफाई पूरी कर ली है और लगभग 203 किलोमीटर नालों की सफाई की गई है। साथ ही, यार्डों में पानी के प्रवाह पैटर्न का अध्ययन किया गया और पानी के सुचारू निकास के लिए नई नालियों और मैनहोल का निर्माण किया गया है। पुलिया क्रमांक 24 (बांद्रा) और 65 (बोरीवली) की गहरी सफाई सुनिश्चित करने के लिए सक्शन/डी-स्लजिंग मशीन का उपयोग किया गया है। पुलियों और नालों में चोक पॉइंट्स की निगरानी, सफाई और पहचान के लिए बाढ़ संभावित स्थानों का ड्रोन सर्वेक्षण किया गया है। भारी बारिश के दौरान जलभराव की आशंका वाले विभिन्न स्थानों पर 100 उच्च क्षमता वाले पंप लगाए गए हैं। साथ ही, रेलवे वर्कशॉप और कॉलोनियों आदि में भी ऐसे ही 104 पम्‍प लगाये गये हैं। वास्तविक समय और प्रामाणिक बारिश के आंकड़े प्राप्त करने के लिए 14 स्वचालित वर्षा गेज (AGR) लगाए गए। साथ ही 98 स्थानों पर फ्लड गेज लगाये गये हैं। खतरा पैदा करने वाले संभावित पेड़ों की छटाई का काम किया गया है। सभी ईएमयू रेकों का निरीक्षण किया गया है तथा मानसून संबंधी सावधानियों के लिए कार्य किया गया है।

श्री अभिषेक ने यह भी बताया कि पिछले मानसून के अनुभव के आधार पर रेलवे परिसर में फ्लड प्रोन की आशंका वाले क्षेत्रों की पहचान की गई है और इन स्थानों पर विभिन्न एहतियाती कार्य पूरे किए गए हैं। पटरियों की स्थिति की निगरानी के लिए पेट्रोलमैन और ब्रिज गार्ड द्वारा मानसून गश्त की जाएगी। मानसून और प्रतिकूल मौसम की चेतावनी के दौरान नगर निगमों के आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ के साथ निकट समन्वय सुनिश्चित किया जाएगा। नगर निकायों से अनुरोध किया गया है कि वे पटरियों के किनारे स्थित कॉलोनियों और झुग्गी-झोपड़ियों के निवासियों को पटरियों पर सीवरेज/कचरा/अपशिष्ट जल के निपटान को रोकने के लिए जागरूक करें।

उच्च ज्वार और भारी वर्षा वाले दिनों के लिए विशेष समय सारिणी अपनाई गई है। पश्चिम रेलवे विभिन्न नगर निकायों के साथ निकट समन्वय में है ताकि जब भी बांधों (वीवीसीएमसी का पेल्हार बांध/एमसीजीएम की तुलसी, विहार और पवई झील) से पानी छोड़ा जा रहा हो, जिससे पुल और पटरियां प्रभावित हो रही हों, तो पश्चिम रेलवे को समय पर और पूर्व सूचना प्रदान की जा सके। इसके अलावा, उनसे आपात स्थिति के दौरान यात्रियों को शीघ्र पहुंचाने के लिए स्थानीय परिवहन की व्यवस्था करने का अनुरोध किया गया है।