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म.प्र. में रचनाकारों का सम्मान

भोपाल। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग, भोपाल द्वारा 12 दिसम्बर, 2017 को सायं 5.00 बजे मानस भवन, रामकिंकरसभागार, श्यामला हिल्स, भोपाल में अलंकरण समारोह सम्पन्न हुआ। वर्ष 2015 एवं वर्ष 2016 के 26 कृति रचनकारों को माननीय कप्तान सिंह सोलंकीमहामहिम राज्यपाल-हरियाणा के मुख्य आतिथ्य में अलंकृत किया गया। अध्यक्षता माननीय सुरेन्द्र पटवा-राज्य मंत्री, संस्कृति एवं पर्यटन विभाग, मध्य प्रदेशशासन, सारस्वत अतिथ श्री मनोज कुमार श्रीवास्तव, प्रमुख सचिव-संस्कृति विभाग, मध्यप्रदेश शासन एवं विशिष्ट अतिथि श्री अक्षय कुमार सिंह, संचालक-संस्कृति थे। अखिल भारतीय पुरस्कार राशि रुपये 51,000 हजार एवं प्रादेशिक पुरस्कार राशि रुपये 31,000 के साथ ही शॉल, श्रीफल, मोमेन्टो के साथ ही प्रशस्तिभी दिया गया।

महामहिम राज्यपाल-हरियाणा मान. कप्तान सिंह सोलंकी अपने मुख्य अतिथि उद्बोधन में कहा कि प्रसन्नता होती है कि चार-पांच साहित्यकारों के जन्मजयन्ती से प्रारंभ कर अकादमी आज कृति पुरस्कारों के साथ साहित्य के संवर्धन के लिए 34 कार्यक्रम सालभर में आयोजित करती है। साहित्यकारों के साथ ऋषिगालव, महर्षि जगदग्नि, ऋषि जाबालि तथा संत पीपा, संत सेन, संत सिंगाजी, महामति प्राणनाथ और भर्तृहरि, स्वामी विवेकानन्द, महर्षि अरविन्द पर व्याख्यानआयोजित करती है।

प्रमुख सचिव-संस्कृति श्री मनोज कुमार श्रीवास्तव, सारस्वत अतिथि ने अपने वक्तव्य में कहा कि गत दो वर्षों में जहाँ पाण्डुलिपि प्रकाशन अनुदान केवल 9अभ्यावेदकों को आवेदन कम प्राप्त होने के कारण ही दे सके थे इस वर्ष प्रचार-प्रसार करने के कारण पाण्डुलिपि अनुदान 27 नव रचनाकारों को दिया जा रहा है,जिसमें 5 संख्या अनुसूचित जाति/जनजाति की है, गत वर्ष यह निरंक थी। यह संख्या आगे और भी बढ़ेगी। इसके लिए पर्याप्त प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। आपसब भी अपने आसपास के नवोदित रचनाकारों को प्रेरित करें।

संस्कृति मंत्री मा. सुरेन्द्र पटवा ने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि साहित्य अकादमी के इन पुरस्कारों सहित संस्कृति विभाग द्वारा 34 अखिल भारतीयतथा 45 प्रादेशिक स्तर के पुरस्कार दिए जाते हैं, जिनमें महात्मा गांधी सम्मान 1995-96 से दिया जा रहा है, जिसकी राशि रुपये 10 लाख है। कबीर सम्मान कीराशि 3 लाख है तथा 19 पुरस्कार 2-2 लाख के हैं। शेष पुरस्कार 25 हजार से लेकर 1 लाख तक के हैं।
स्वागत वक्तव्य साहित्य अकादमी के निदेशक डॉ. उमेश कुमार सिंह ने किया एवं आभार संचालक-संस्कृति श्री अक्षय कुमार सिंह ने किया।

वर्ष 2015 के अखिल भारतीय पुरस्कार पं. माखनलाल चतुर्वेदी पुरस्कार (निबंध) डॉ. लहरी सिंह-सीधी, गजानन माधव मुक्तिबोध पुरस्कार (कहानी) सुश्रीसुषमा मुनीन्द्र-सतना, वीरसिंह देव पुरस्कार (उपन्यास) डॉ. हरि जोशी-भोपाल, आचार्य रामचन्द्र शुक्ल पुरस्कार (आलोचना) डॉ. साधना बलवटे-भोपाल, पं. भवानीप्रसाद मिश्र पुरस्कार (कविता) डॉ. विद्या विन्दु सिंह-लखनऊ एवं प्रादेशिक पुरस्कार पं. बालकृष्ण शर्मा ‘नवीन’ पुरस्कार (उपन्यास) श्री मलय जैन-भोपाल, सुभद्राकुमार चौहान पुरस्कार (कहानी) श्री चन्द्रभान राही-भोपाल, श्रीकृष्ण सरल पुरस्कार (कविता) डॉ. वीणा सिन्हा-भोपाल, आचार्य नन्ददुलारे वाजपेयी पुरस्कार(आलोचना) डॉ. कृष्ण गोपाल मिश्र-होशंगाबाद, राजेन्द्र अनुरागी पुरस्कार (व्यंग्य, ललित बिनंध, डायरी, संस्मरण आदि) श्री शांतिलाल जैन-भोपाल, दुष्यंत कुमारपुरस्कार (प्रदेश के लेखक की पहली कृति) सुश्री मधु शुक्ला-भोपाल एवं जहूर बख्श पुरस्कार (बाल साहित्य) श्री नरेन्द्र श्रीवास्तव-गाडरवारा को पुरस्कार दिया गया।

वर्ष 2016 के अखिल भारतीय पुरस्कार पं. माखनलाल चतुर्वेदी पुरस्कार (निबंध) डॉ. सुरेश मिश्र-भोपाल, गजानन माधव मुक्तिबोध पुरस्कार (कहानी) डॉ.अमिता दुबे-लखनऊ, वीरसिंह देव पुरस्कार (उपन्यास) श्री गुणसागर सत्यार्थी-टीकमगढ़, आचार्य रामचन्द्र शुक्ल पुरस्कार (आलोचना) श्री भगवंतराव दुबे-जयपुर,पं. भवानी प्रसाद मिश्र पुरस्कार (कविता) श्रीमती अनीता सक्सेना-भोपाल एवं प्रादेशिक पुरस्कार पं. बालकृष्ण शर्मा ‘नवीन’ पुरस्कार (उपन्यास) श्री जगदीशजोशीला-खरगौन, सुभद्रा कुमार चौहान पुरस्कार (कहानी) डॉ. अनीता सिंह चौहान-भोपाल, श्रीकृष्ण सरल पुरस्कार (कविता) श्री संत कुमार मालवीय ‘संत’-भोपाल,आचार्य नन्ददुलारे वाजपेयी पुरस्कार (आलोचना) डॉ. बहादुर सिंह परमार-छतरपुर, हरिकृष्ण प्रेमी पुरस्कार (नाटक) डॉ. पुरुषोत्तम चक्रवर्ती-भोपाल, राजेन्द्रअनुरागी पुरस्कार (व्यंग्य, ललित बिनंध, डायरी, संस्मरण आदि) श्री विजय मनोहर तिवारी-भोपाल, दुष्यंत कुमार पुरस्कार (प्रदेश के लेखक की पहली कृति)श्रीमती शीला मिश्रा-भोपाल, ईसुरी पुरस्कार (लोकभाषा विषयक) श्री देवेन्द्र सिंह ‘दाऊ’-भिण्ड एवं जहूर बख्श पुरस्कार (बाल साहित्य) डॉ. कैलाश गुप्ता ‘सुमन’-मुरैना को पुरस्कार दिया गया।
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