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मुंबई के पादरी का व्यभिचारी चेहरा सामने आया

मुंबई में एक पादरी के हाथों यौन शोषण की शिकार हुई चौदह वर्ष की लड़की की दास्तान सुनकर हर कोई हैरान रह जाएगा। बेसहारा लड़कियों को सहारा देने के नाम पर इस लड़की का शोषण महज चार वर्ष की उम्र से ही शुरू हो गया था। यह सब करने वाला और कोई नहीं बल्कि वह शख्स था जिसपर उसके लालन पालन की जिम्मेदारी थी।

शराबी पिता ने उसको चार वर्ष की उम्र में ही एक पादरी को बेच दिया था। इसके बाद उसकी जिंदगी में जो कुछ घटित हुआ उसकी कल्पना करने से भी शरीर में सिहरन पैदा कर देता है। पादरी ने लगातार कई वर्षो तक उसका यौन शोषण किया। जब वह शारीरिक तौर पर भी बड़ी हुई तो पादरी ने उसपर शादी का दवाब तक बनाया। वह इतने पर ही नहीं रुका। शारीरिक संबंध न बनाने पर उसको यातनाएं तक दी जाने लगी। यहां तक की उसको रोज गर्भनिरोधक गोलियां खाने के लिए बाध्य किया गया।

विरोध करने के बाद पादरी ने उसको एक दूसरे शेल्टर होम के मालिक को बेच दिया। लेकिन उसकी जिंदगी में कोई बदलाव नहीं हुआ। वहां पर भी उसके साथ वही सब करने के लिए दवाब बनाया गया। लेकिन वह अड़ गई। नतीजतन उसको वापस नैरोल में ही पुरानी जगह पर भेज दिया गया। तंग आकर एक बार वह अपनी मां के पास जाने के लिए पादरी के पास से भाग खड़ी हुई। लेकिन उसकी मां ने अपने पति की मौत के बाद दोबारा शादी कर ली थी। इसके बाद उसने अपनी बेटी को साथ रखने से साफ मना कर दिया।

कम उम्र में जिंदगी का सबसे बदनुमा चेहरा देखने वाली इस लड़की पर एक मानसिक रोगी से शादी करने तक का दवाब बनाया गया। अंत में इस लड़की ने चाइल्ड वेलफेयर कमेटी का दरवाजा खटखटाया। इसमें पादरी पीटी बाबू पर उसका यौन शोषण करने का आरोप लगाया गया है। शिकायत के साथ उसने एक सीडी भी पेश की है जिसमें उसके दर्द की दास्तां को खुद उसने बयां किया है।

यह लड़की फिलहाल सायन के बाइबल कॉलेज में है। लेकिन शिकायत करने के बाद से ही उसकी मुश्किलें और बढ़ गई हैं। एक ओर जहां पादरी उसपर शिकायत वापस लेने का दवाब बनाए हुए है, वहीं दूसरी और उसकी मां ने भी शिकायत वापस लेने को दवाब बना रखा है। लड़की को शक है कि बाबू पादरी ने उसकी मां को यह मामला रफा-दफा करने के लिए पैसे दिए हैं। हालांकि इस शिकायत के बाद सीडब्ल्यूसी ने आगे आकर उसकी मदद की और एक नर्सिग स्कूल में उसका दाखिला भी करवा दिया है, जिससे वह अपना अतीत भूला सके।

 

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