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नसीरुद्दीन शाह तुमने कभी लेग स्पिनर “प्रभा शंकर” का नाम सुना है?

दिमाग चकराया न ?
आज तक इतने क्रिकेटर हुए पर इस लेग स्पिनर गेंदबाज का नाम नहीं सुना!
जबकि इस गेंदबाज के नाम क्रिकेट विश्व में कई “रिकॉर्ड” दर्ज हैं।

इनका नाम इसलिए नहीं सुना क्योंकि जब इनका चयन अंतरराष्ट्रीय टीम में होना था तो इनका हिन्दू होना चयन में खाई बन गया। इसलिए तत्काल इनको अपना नाम बदलकर दानिश कनेरिया करना पड़ा।

क्यों?
अब सब समझ आ गया होगा, जी मैं बात कर रहा हूँ पाकिस्तानी लेग स्पिनर दानिश कनेरिया की। जो कि इस समय स्पॉट फिक्सिंग के आरोप में आजीवन प्रतिबंध झेल रहे हैं, आज उनकी आयु ४१ वर्ष की हो चुकी है।

दानिश ने इस्लाम अपनाया नहीं है, वे #हिन्दू हैं। जब भारत दौरे पर आए थे तो उन्होंने “कोलकाता के कालीबाड़ी मंदिर” में पूजा भी की थी।

आज वो एक-एक पाई को मोहताज हैं क्योंकि प्रतिबंध लगने के बाद पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने उनकी कोई सहायता नहीं की, केवल “हिन्दू” होने की वजह से।

अब समझा कि पाकिस्तान में किसी भी काम के लिए आपको मुस्लिम ही होना चाहिए, चाहे क्रिकेट खेलना ही क्यों न हो।

अब बात करते हैं भारत की,
क्या यहां पर नवाब पटौदी, अजहरुद्दीन, मोहम्मद कैफ, इरफान पठान, यूसुफ पठान, मोहम्मद खलील को टीम में शामिल करने के लिए नाम बदलने के लिए कहा गया?

इनमें नवाब पटौदी और अजहरुद्दीन तो कप्तान भी रहे। अजहरुद्दीन भी “फिक्सिंग में दोषी पाए गए”, उनके ऊपर भी प्रतिबंध लगा, और उन्होंने क्रिकेट को बाय-बाय कहकर राजनीति से नाता जोड़ लिया, और नोटों में खेलने लगे, वे कांग्रेस पार्टी के नेता बन गए।

तो बस इस कहानी से यह समझो कि भारत के देखते पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों का क्या हाल है, और भारत में इन्हें सब कुछ मिला फिर भी दुनिया में हिंदुओं को बदनाम करते हैं।

साभार- https://www.facebook.com/arya.samaj/ से