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केरल के महाविद्यालय में प्रेमचंद का साहित्य :विचार और विमर्श” पर राष्ट्रीय वेबिनार

मण्णारककाड़ (केरल)। कथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद की १४१ वी जयंती के अवसर पर केरल राज्य के एम्.ई,एस क्ल्लटी कोलेज, मण्णारककाड़ के हिंदी विभाग “प्रेमचंद का साहित्य :विचार और विमर्श” राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया |कोलेज के प्राचर्य श्री.ए.एम्.शिहाब की अध्यक्षता में हुए वेबिनार का उद्घाटन पॉँडिचेरी विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के अध्यक्ष डॉ. सी. जयशंकर बाबु जी ने किया | उद्घाटन भाषण में उन्होंने कहा “मानव और समाज के पारस्परिक रिश्तों का विश्लेषण करनेवाले प्रेमचन्द की रचनाओं ने पीढियों के मार्गदर्शन का काम किया है |

संगोष्ठी में बीज वक्तव्य देते हुए कालीकट विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के भूतपूर्व अध्यक्ष डॉ.आर.सुरेन्द्रन(आरसु) जी ने केरल में प्रेमचन्द के रचनाओं पर हुए अनुवाद,शोधकार्य,विभिन्न सहित्यकारों के प्रेमचन्द की रचनाओं पर दृष्टिकोण आदि पर प्रकाश डालते हुए कहा “प्रेमचन्द ने जीवन को बहुत नजदीक से देखा था|उनकी रचनाएँ उतना ही प्रासंगिक है ,जितना उसके समय में था |वक्त,जमाना और जीने का ढंग बदला,लेकिन प्रेमचन्द का जादू अब भी लोगों पर असर डाल रहे है |”
तद्वसर पर विशेष व्याख्यान देते हुए तमिलनाडु हिंदी साहित्य अकादमी के महासचिव ईश्वर करुण जी ने कहा-:मुंशी प्रेमचन्द का साहित्यिक योगदान सर्वकालीन है |आज के भारत को कई साल पहले ही अपनी दूर दृष्टि से उन्होंने देख लिया था|”

पत्रकार प्रेमचन्द के बारे में बताते हुए ‘नए क्षितिज’साहित्यिक पत्रिका के प्रधान संपादक डॉ.सतीश चन्द्र शर्मा ‘सुधाँशु’ जी ने कहा प्रेमचन्द जी के लिए पत्रकारिता मिशन था |पत्रकारिता को उन्होंने बुनियादी सवालों से जोड़ा| समकालीन पत्रकारिता को बहुत कुछ सीख प्रेमचन्द से अपनाना है |

संगोष्ठी में द्वीतीय उप भाषा के रूप में हिंदी पढनेवाले एम्.ई.एस क्ल्लटी कॉलेज के छात्र –छात्राओं ने भी अपने वक्तव्य प्रस्तुत किए | विभाग अध्यक्ष डॉ.रंजित एम् ने स्वागत भाषण और कुमारी मिर्शाना कृतज्ञता ज्ञापन किया |

डॉ.रंजित एम्
अध्यक्ष,हिंदी विभाग
एम्.ई.एस क्ल्लटी कॉलेज
मण्णारककाड़

Dr. Ranjith .M
Assistant Professor &Head of the Department
Department of Hindi
Mannarkkad College P.O
Palakkad Dt
Kerala 678583
Mobile : 09387441300