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देश के विकास के लिए राष्ट्रभक्ति और अनुशासन जरूरी: नायक आदर्श अरोड़ा

लखनऊ। देश में सुख-समृद्धि का वातावरण होना चाहिए था, लेकिन अनुशासन और राष्ट्रभक्ति की भावना में कमी होने के कारण कुछ समस्याएं सामने आ खड़ी हैं। ऐसे में हमारे अंदर देश के प्रति कर्त्तव्य और दृढ़ संकल्प होना चाहिए, ताकि देश का सम्पूर्ण विकास हो सके। उक्त उद्गार मुख्य अतिथि शौर्य चक्र से सम्मानित नायक आदर्श कुमार अरोड़ा जी ने आजादी के अमृत महोत्सव पर आयोजित राष्ट्रहित सर्वोपरि कार्यक्रम के 25वें अंक में व्यक्त किए। यह कार्यक्रम सरस्वती कुंज, निराला नगर के प्रो. राजेन्द्र सिंह (रज्जू भैया) उच्च तकनीकी (डिजिटल) सूचना संवाद केन्द्र में विद्या भारती, एकल अभियान, इतिहास संकलन समिति अवध, पूर्व सैनिक सेवा परिषद एवं विश्व संवाद केन्द्र अवध के संयुक्त अभियान में चल रहा है।

मुख्य वक्ता भोपाल एम्स के पूर्व निदेशक डॉ. संदीप कुमार जी ने आजादी के अमृत महोत्सव पर चर्चा करते हुए कहा कि राष्ट्रहित में योगदान देने के लिए चिकित्सा जगत से जुड़े लोग भी पीछे नहीं रहते है। उन्होंने कहा कि हमें अपने स्वास्थ्य को लेकर हमेशा सचेत रहना चाहिए। जब हम स्वस्थ रहेंगे, तभी मां भारती की रक्षा कर सकेंगे। हमारे सेना के जवान भी कई मेडिकल टेस्ट को पास करने बाद ही सेना में भर्ती किए जाते हैं। उन्होंने कहा कि यदि हम अपने देश के लिए कुछ करना चाहते हैं और उसके विकास में कुछ योगदान देना है तो उसके लिए हमारा स्वस्थ रहना बेहद आवश्यक है। हमें बचपन से ही अपने खान-पान और दिनचर्या को लेकर जागरूक रहने की जरूरत है, क्योंकि किसी भी प्रकार की लापरवाही बीमारी को दावत देती है। उन्होंने छात्रों को अपने जीवन में अनुशासित और निरोग रहने के लिए व्यायाम करने की सलाह दी।

मुख्य अतिथि शौर्य चक्र से सम्मानित नायक आदर्श कुमार अरोड़ा जी ने कहा कि वर्तमान समय में हमारा देश तेजी से विकास की ओर से बढ़ रहा है, लेकिन देश में कई समस्याएं भी खड़ी हैं। जिनमें से कुछ समस्याएं तो वास्तव में हैं वहीं कुछ उत्पन्न की गईं हैं। हमें उन समस्याओं को पहचान कर उनसे लड़ना होगा, तभी हमारे देश में शांति और विकास की राह आसान होगी। उन्होंने छात्र-छात्राओं से अपील करते हुए कहा कि वह अपने भविष्य को ध्यान में रखकर अपने मानसिक, शारीरिक और सांस्कृतिक विकास के बारे में सोचे, ताकि वह देश के लिए भविष्य में अपना योगदान दें सकें।

विशिष्ट वक्ता लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रोफेसर मनोज अग्रवाल जी ने कहा कि भारत सदैव से स्वावलम्बी रहा है। गांवों में शहरों से अधिक स्वावलम्बन देखने को मिल रहा है, क्योंकि वह अपनी संस्कृति और परम्परा से जुड़े हुए हैं। शहरी क्षेत्रों में संस्कृति का बहुत ही विकृति स्वरूप आ गया है, हमें इस पर विचार करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि पहले हमारी संस्कृति और धरोहरों को नष्ट करने का कार्य किया गया है, इसीलिए आज जनजागरण चलाने की जरूरत महसूस हो रही है। आजादी का अमृत महोत्सव मनाने का उद्देश्य है कि हम आजादी के नायकों से परिचित हो सके और उन्होंने कैसे स्वयं की रक्षा करते हुए अपनी संस्कृति और धरोहरों को सुरक्षित रखा, ऐसे नायकों से प्रेरणा लेने की आवश्यकता है।

कार्यक्रम अध्यक्ष अवध प्रान्त के प्रदेश निरीक्षक श्री राजेंद्र बाबू जी ने कहा कि विद्या भारती ऐसी युवा पीढ़ी का निर्माण कर रही है जो हिन्दुत्वनिष्ठ एवं देशभक्ति से ओतप्रोत हो। विद्या भारती अपने भैया-बहनों को शिक्षा के साथ-साथ संस्कार देने का कार्य कर रही है। विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश के बालिका शिक्षा प्रमुख श्री उमाशंकर मिश्र ने सभी अतिथियों का परिचय कराया और कार्यक्रम की प्रस्ताविकी पूर्व सैनिक सेवा परिषद के कानपुर प्रान्त संगठन सचिव मेजर बी.एस. तोमर ने रखी। पूर्व सैनिक सेवा परिषद् के कोषाध्यक्ष सूबेदार अशोक कुमार पांडेय जी ने आभार ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश के प्रचार प्रमुख श्री सौरभ मिश्रा जी ने किया।

इस अवसर पर शौर्य चक्र से सम्मानित नायक आदर्श कुमार अरोड़ा जी की पत्नी श्रीमती अनीता अरोड़ा, जनरल मैनेजर श्री विमल चंद गोयल, आस्था क्लिनिक की सीईओ वर्षा द्विवेदी, विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश के सह प्रचार प्रमुख श्री भास्कर दूबे जी, सरस्वती शिशु विद्या मंदिर, मॉडल हाउस लखनऊ के छात्र-छात्राएं सहित कई लोग मौजूद रहे।

भास्कर दूबे

सह प्रचार प्रमुख

मो. – 9554322000