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डाकिया डाक ही नहीं बहुत कुछ लाएगा

अब डाकघर से जुड़े ग्राहकों को पैसा जमा कराने से लेकर पैसा निकालने व बीमा पॉलिसी तक को जमा करने के लिए डाकघर नहीं जाना पड़ेगा। चिट्ठी लेकर घर आने वाला डाकिया घर पर ही इन तमाम कार्यों को करने में सक्षम होगा।
 
डाक विभाग अपने ग्राहकों को घर पर ही सारी सुविधाएं मुहैया कराने के लिए डाकिए को हाथ में लेकर चलने वाला इलेक्ट्रॉनिक उपकरण देने जा रहा है। यह उपकरण ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) से जुड़ा होगा ताकि डाकिया आपके घर पर गया है या नहीं, इसका भी आसानी से पता चल सकेगा।
 
 
आपके नाम की चिट्ठी या पार्सल लेकर जाने पर डाकिए को घर में कोई नहीं मिलने पर अब आपको एसएमएस अलर्ट भी दिया जाएगा ताकि आप अपने इलाके के डाकिए से संपर्क कर सकें। ये सारी सुविधाएं आगामी सितंबर से लागू करने की तैयारी की जा रही है।
 
डाक विभाग को उम्मीद है कि इस साल अगस्त-सितंबर तक डाक विभाग को भारतीय रिजर्व बैंक से बैंकिंग का भी लाइसेंस मिल जाएगा और विभाग बैंकिंग प्रणाली को भी लागू करने के लिए योजनाएं तैयार करने में जुट गया है।
 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से शुरू किए गए डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के तहत कई सेवाएं शुरू करने की योजना बनाई गई है। भारतीय डाक में डिजिटल इंडिया से जुड़ी परियोजनाओं के परिचालन के लिए 5,000 करोड़ रुपये दिए गए हैं।
 
डाक विभाग ग्रामीण इलाके के डाकघर को डिजिटल करने जा रहा है। इसके लिए ग्रामीण सॉफ्टवेयर व हार्डवेयर विकसित किया जा रहा है, जिसके तहत आधारभूत बैंकिंग, बीमा, मेल प्रचालन से संबंधित दिन प्रतिदिन के कार्यकलापों के निष्पादन के लिए 1.3 लाख ग्रामीण डाकघरों को लैपटॉप व इलेक्ट्रॉनिक हैंडसेट दिए जाएंगे।
 
डाक विभाग ने मोबाइल मनी ट्रांसफर भी शुरू किया है। इस सेवा को विस्तार दिया जा रहा है। पासवर्ड के माध्यम से मोबाइल मनी ट्रांसफर को अंजाम दिया जा रहा है। इस सेवा से दूरदराज के गांवों में तत्काल पैसा भेजना आसान हो जाएगा।