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राष्ट्रपति श्री कोविंद ने विद्यासागरजी महाराज से मुलाकात की

भारत भूमि के प्रखर तपस्वी, चिंतक, कठोर साधक, लेखक, राष्ट्रसंत, दिगम्बर जैनाचार्य श्री विद्यासागरजी महाराज की दीक्षा के ५० वर्ष जून २०१८ में पूरे होने हैं । इसे ‘संयम स्वर्ण महोत्सव’ के रूप में देशभर में मनाया जा रहा है। इस उपलक्ष्य में साल भर अनेक कार्यक्रम पूरे भारतवर्ष के विभिन्न नगरों एवं ज़िलों में हो रहे हैं। इन दिनों चातुर्मास हेतु आचार्य श्री जी रामटेक, नागपुर में विराजमान हैं और प्रतिदिन हज़ारों की संख्या में देश और विदेशों से भक्तगण उनका
आशीर्वाद प्राप्त करने पहुँच रहे है, !भारत के राष्ट्रपति महामहिम श्री रामनाथ कोविंद जी ने भी आज अपनी व्यस्त दिनचर्या से कुछ बहुमूल्य समय आचार्य जी के सान्निध्य में बिताया और उनसे भारत और भारत के जनसामान्य के उत्थान, हथकरघा, स्वाबलंन व भारतीय भाषाओं के संरक्षण आदि विषयों पर चर्चा की । राष्ट्रपति कोविंद जी स्वयं प्रेरणा एवं ज्ञान के स्त्रोत हैं एवं उनकी और आचार्य जी की एक साथ श्री शांतिनाथ दिगंबर जैन अतिशय क्षेत्र, रामटेक के मंदिर में उपस्थिति, इस पावन भूमि के इतिहास में अविस्मर्णीय रहेगी । राष्ट्रपति जी ने आचार्य जी को श्रीफल भेंट कर आशीष ग्रहण किया।

संत आचार्य श्री जी ज्ञानी, मनोज्ञ तथा वाग्मी साधु हैं और साथ ही साथ में प्रज्ञा, प्रतिभा और तपस्या की जीवंत-मूर्ति भी हैं । कविता की तरह रम्य, उत्प्रेरक, उदात्त, ज्ञेय और सुकोमल व्यक्तित्व के धनी हैं विद्यासागर जी महाराज। राष्ट्रपति जी के साथ उनके साथ उनके बड़े भाई ने भी गुरुदेव के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त किया। महाराष्ट्र के राज्यपाल श्री सी विद्यासागर राव जी, केंद्रीय मंत्री श्री नितिन गडकरी व महाराष्ट्र के यशस्वी मुख्य मंत्री श्री देवेंद्र फडणवीस ने भी आशीर्वाद प्राप्त किया। राष्ट्रपति जी व अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने गुरुदेव के दर्शन करने के बाद प्रसन्नता व्यक्त की।

इस दिनो भारत के सभी प्रमुख जैन मंदिरों में आचार्यश्री की विशेष संगीतमय पूजन का आयोजन हो रहा है। नगर-नगर वृक्षारोपण किया जाएगा, अस्पतालों/अनाथालयों/वृद्धाश्रमों में फल एवं जरूरत की सामग्री का वितरण, जरूरतमंदों को खाद्यान्न, वस्त्र वितरण आदि का आयोजन भी किया जा रहा है।