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रवींद्र सिंह भाटी ने बीजेपी से बागी होकर रचा इतिहास

जयपुर। राजस्थान में एक शिक्षक का बेटा और 26 साल का एक युवा बीजेपी से बागी होकर चुनाव लड़ता है। समाज से लेकर उसके शुभचिंतक उसे सलाह देते हैं कि बागी होकर चुनाव नहीं लड़ना है। लेकिन, युवा कहता है कि तीन साल पहले मैंने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से बगावत कर पश्चिमी राजस्थान की सबसे बड़ी यूनिवर्सिटी में 57 साल के इतिहास में पहली बार परचम लहराया था। इस बार भी मैं बगावत कर मैं इतिहास रचूंगा।

शुरू में तो बीजेपी के लोग मजाक उड़ाते हैं। कहते हैं कि 4-5 हजार वोट लेकर आएगा। लेकिन, जैसे ही पर्चा दाखिल करता है तो हजारों की तादाद में लोग सड़कों पर उसके साथ निकलते हैं। यह देख हर कोई दंग रह जाता है। जब चुनाव प्रचार के लिए उतरता है तो महिलाओं से लेकर बुजुर्ग उसे सुनने पहुंचते हैं और आशीर्वाद देते हैं। जनता उसे इतना आशीर्वाद देती है कि वह 26 साल की उम्र में 84 साल के एमएलए को हराकर विधायक बन जाता है। उसी शख्स का नाम है रवींद्र सिंह भाटी। जो की राजस्थान के बाड़मेर जिले के शिव विधानसभा से ताल्लुक रखता है।

शिव विधानसभा में रवींद्र सिंह भाटी को 79495 वोट, निकटतम प्रतिनिधि फतेह खान को 75545 वोट, 84 साल के MLA अमीन खान को 55264, बीजेपी के स्वरूप सिंह खारा को 22820 और आरएलपी के जालम सिंह रावलोत को 7345 वोट मिले। 3 दिसंबर को ही रवींद्र सिंह भाटी का जन्मदिन था और जनता ने 3 दिसंबर को उन्हें जिताकर जन्मदिन का तोहफा दिया।