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राष्ट्रसंत चंद्रानन सागर का सामाजिक विकास में अहम योगदान

मुंबई। समाजसेवा एवं शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभानेवाले विख्यात जैनाचार्य राष्ट्रसंत चंद्रानन सागर सूरीश्वर महाराज के 60वें जन्म दिवस पर देश के कई प्रमुख लोगों ने उन्हें शुभकामनाएं दी हैं। चंद्रानन सागर का समाज के सभी वर्गों के कल्याण में उनका अहम योगदान रहा है। शिक्षा, चिकित्सा, कला, संस्कृति, धर्म, साहित्य व समाजसेवा सहित आदिवासियों का जीवन स्तर उठाने के लिए उनको शिक्षित करने व रोजगार दिलाने की दिशा में उनका महत्वपूर्ण योगदान माना जाता है। आचार्य चंद्रानन सागर इन दिनों महाराष्ट्र के पालघर जिले के आदिवासी क्षेत्र के ढेकाले गांव में स्थित नाकोड़ा दर्शन धाम में चातुर्मास तपस्या कर रहे हैं।

अपने साधु जीवन के 50 सालों में आचार्य चंद्रानन सागर 5 हजार से ज्यादा जरूरतमंद परिवारों के बच्चों को पढ़ा लिखाकर रोजगार दिलाने का काम कर चुके हैं। नाकोड़ा दर्शन धाम के ट्रस्टी प्रवीण शाह के मुताबिक कमजोर वर्ग के परिवारों के प्रतिभाशाली छात्रों की उच्च शिक्षा के लिए सन 2015 में शुरू हुआ उनका अभियान अब तक 500 से ज्यादा युवक-युवतियों को आगे बढ़ने में सहयोग कर चुका है। शताब्दी गौरव फाउंडेशन के सिद्धराज लोढ़ा बताते हैं कि राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में करीब दो लाख किलोमीटर से भी अधिक लंबी पदयात्रा कर चुके आचार्य चंद्रानन सागर अपने विहार के दौरान अब तक 8 हजार से ज्यादा गांवों में लाखों लोगों को सत्कर्म की शिक्षा के साथ ही जरूरतमंद वर्ग की सहायता करके उनका जीवन स्तर उठाने के लिए प्रत्नशील रहे हैं। दर्शन सागर अवॉर्ड समिति के मोती सेमलानी के मुताबिक अपने साधु जीवन को सेवा का मिशन मानकर अपने जीवन के 60 में से कुल 50 वर्ष उन्होंने इसी कार्य को समर्पित किए हैं। आचार्य चंद्रानन सागर की प्रेरणा से राजस्थान, गुजरात, कर्नाटक, तमिलनाडु और महाराष्ट्र में उनकी प्रेरणा से तीस से ज्यादा शैक्षणिक संस्थाएं चल रही हैं। इनमें से 10 संस्थाएं स्कूल, कॉलेज के साथ छात्रावास का संचालन भी करती हैं।

पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल, पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, राजस्थान में विपक्ष के नेता गुलाबचंद कटारिया, राज्यसभा सांसद राज बब्बर, नीरज डांगी और डॉ. संजय सिंह अमेठी, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव पूर्व मंत्री रघुवीरसिंह मीणा, कांग्रेस के नेता संजय निरुपम, राजनीतिक विश्लेषक निरंजन परिहार, विधानसभा की पूर्व उपाध्यक्ष तारा भंडारी, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे, पूर्व मंत्री राज के पुरोहित, राजस्थान भाजपा के पूर्व अध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी, पाली के सांसद पीपी चौधरी, जालौर के सांसद देवजी पटेल सहित कई जाने माने लोगों ने राष्ट्रसंत आचार्य चंद्रानन सागर सूरीश्वर महाराज के 60वें जन्म दिवस पर शुभकामनाएं दी हैं। चंद्रानन सागर द्वारा चलाए जा रहे सेवा कार्यों के सतत चलते रहने से समाज को हो रहे लाभ को बहुमूल्य बताते हुए इन प्रमुख लोगो ने समाज से सेवा प्रकल्पों में सहयोग की अपील भी की है।

आचार्य चंद्रानन गुजरात के आदरियाणा में विक्रम संवत 2015 को भादरवा सुद एकम को जन्मे थे और बारह साल की उम्र में राजस्थान के फालना में दीक्षा लेकर साधु बन गए थे। तभी से वे लगातार सेवा के कार्यों में संलग्न है। चेन्नई, बैंगलोर, मुंबई, रायगड़, मैसूर, पालीताणा, अमदाबाद, सुमेरपुर और विभिन्न स्थानों पर उनके सान्निध्य में चिकित्सा ट्रस्ट संचालित हैं। जहां सालाना लाखों लोगों को मुफ्त एवं रियायती दरों पर चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध हैं। वे मानते हैं कि समाज के सबसे नीचले तबके को सबसे पहले अवसर मिलने चाहिए, तभी समाज कल्याण की कोशिशों को नयी दिशा देने का साथ समाज के विकास को भी तेज किया जा सकता है। आचार्य चंद्रानन का विशेष ध्यान शिक्षा की तरफ ज्यादा है। उनके इन्हीं कार्यों से प्रभावित होकर तत्कालीन राष्ट्रपति श्रीमती प्रतिभा पाटिल ने उन्हें राष्ट्रसंत की उपाधि प्रदान की थी। युवा वर्ग में आचार्य चंद्रानन सागर सबसे ज्यादा लोकप्रिय संत हैं।