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रेकॉर्ड तोड़ रही है रेल्वे की माल परिवहन सेवा

कोरोनावायरस महामारी के कारण आंशिक लॉकडाउन की वर्तमान कठिन परिस्थितियों के बावजूद पश्चिम रेलवे की पार्सल एक्सप्रेस ट्रेनों और मालगाड़ियों द्वारा देश के विभिन्न भागों में अत्यावश्यक वस्तुओं के परिवहन का सिलसिला लगातार जारी रखा जा रहा है, जिसके माध्यम से देश के विभिन्न हिस्सों में दूध, दवाइयों और अन्य आवश्यक उत्पादों की आपूर्ति बखूबी सुनिश्चित की जा रही है। छोटे पार्सल आकारों में आवश्यक चिकित्सा उपकरणों, खाद्यान्नों आदि के समुचित परिवहन की ज़िम्मेदारी भी भली-भांति पूरी की जा रही है, क्योंकि पश्चिम रेलवे हमेशा अपने ग्राहकों की ज़रूरतों के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध और अग्रणी रही है। इसी क्रम में 15 जुलाई, 2020 को ऐसी दो पार्सल विशेष ट्रेनें क्रमशः असम के पोरबंदर से शालीमार और ओखा से चांगसारी के लिए रवाना हुईं।

पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी श्री सुमित ठाकुर द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, कोरोना महामारी के प्रतिकूल प्रभावों के बावजूद, 23 मार्च से 14 जुलाई, 2020 तक, पश्चिम रेलवे की 399 पार्सल विशेष ट्रेनों के माध्यम से 76 हज़ार टन से अधिक वजन वाली वस्तुओं का परिवहन किया गया है, जिनमें मुख्य रूप से कृषि उत्पाद, दवाइयां, मछली, दूध आदि शामिल रहे। इस परिवहन के माध्यम से होने वाली आय 24.24 करोड़ रुपये रही। इस अवधि के दौरान, पश्चिम रेलवे द्वारा 58 दूध विशेष रेलगाड़ियाँ चलाई गईं, जिनमें लगभग 44 हजार टन का भार था और वैगनों का 100% उपयोग से लगभग 7.53 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ।

इसी तरह, विभिन्न आवश्यक वस्तुओं के परिवहन के लिए 28 हजार टन से अधिक भार वाली 331 कोविड -19 विशेष पार्सल ट्रेनें भी चलाई गईं, जिनके द्वारा अर्जित राजस्व 14.55 करोड़ रुपये रहा। इनके अलावा, 4355 टन भार वाले 10 इंडेंटेड रेक भी लगभग 100% उपयोग के साथ चलाये गये, जिनसे 2.16 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व प्राप्त हुआ। 22 मार्च से 14 जुलाई, 2020 तक लॉकडाउन की अवधि के दौरान, पश्चिम रेलवे द्वारा मालगाड़ियों के कुल 9143 रेकों का उपयोग 18.64 मिलियन टन आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के लिए किया गया है। 17,933 मालगाड़ियों को अन्य ज़ोनल रेलों के साथ जोड़ा गया है, जिनमें 8958 ट्रेनों को सौंपा गया और 8975 ट्रेनों को अलग-अलग इंटरचेंज पॉइंटों पर ले जाया गया। पार्सल वैन / रेलवे मिल्क टैंकर (आरएमटी) के 401 मिलेनियम पार्सल रेक देश के विभिन्न भागों में दूध पाउडर, तरल दूध और अन्य सामान्य उपभोक्ता वस्तुओं जैसी आवश्यक सामग्री की मांग के अनुसार आपूर्ति करने के लिए भेजे गये।

लॉकडाउन के कारण नुक़सान और रिफंड अदायगी

कोरोना वायरस के कारण पश्चिम रेलवे पर कमाई का कुल नुकसान लगभग 1730 करोड़ रुपये रहा है, जिसमें उपनगरीय खंड के लिए लगभग 254 करोड़ रुपये और गैर उपनगरीय क्षेत्रों के लिए लगभग 1476 करोड़ रुपये का नुक़सान शामिल है। इसके बावजूद, 1 मार्च, 2020 से 14 जुलाई, 2020 तक टिकटों के निरस्तीकरण के परिणामस्वरूप, पश्चिम रेलवे ने 394.25 करोड़ रुपये के रिफंड की वापसी करना सुनिश्चित किया है। गौरतलब है कि इस रिफंड राशि में अकेले मुंबई डिवीजन ने 188.13 करोड़ रुपये का रिफंड सुनिश्चित किया है। अब तक, पूरी पश्चिम रेलवे पर 60.56 लाख यात्रियों ने अपने टिकट रद्द कर दिये हैं और तदनुसार अपनी रिफंड राशि प्राप्त कर ली है।